'नई संसद से विकसित भारत की करेंगे यात्रा', PM मोदी की ऐतिहासिक स्पीच की 10 बड़ी बातें

PM Modi speech in New Parliament : नए संसद भवन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विविधता से भरा देश, इतनी सारी चुनौतियों से लड़ने वाला देश जब विश्वास के साथ आगे बढ़ता है तो इससे दुनिया के अनके देशों को प्रेरणा भी मिलती है। भारत की हर सफलता आने वाले दिनों में दुनिया के लिए प्रेरणा का काम करेगी। भारत यदि तेजी से गरीबी दूर करता है तो यह अन्य देशों को प्रेरित भी करता है। साथियो, सफलता की पहली शर्त सफल होने का विश्वास ही होती है।

नई संसद में पीएम ने दिया ऐतिहासिक भाषण। तस्वीर-@PMOIndia

PM Modi speech in New Parliament : देश की नई संसद का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोकसभा में ऐतिहासिक भाषण दिया। नए संसद भवन की जरूरतों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इस नई इमारत की भविष्य की जिम्मेदारियों से रूबरू कराया। पीएम ने कहा कि हमें अगले 25 वर्षों भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। इसके लिए हमें आज ही नए संकल्प लेने होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें 'नेशन फर्स्ट' की भावना से आगे बढ़ना होगा। हमें कर्तव्यपथ को सर्वोपरि रखना होगा। यहां पढ़ें पीएम के भाषण की 10 मुख्य बातें-

  1. हर राष्ट्र की विकास यात्रा में एक ऐसा अवसर आता है जब देश अंगड़ाई लेने लगता है। आजादी से 25 साल पहले महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश उद्वेलित हुआ। आज से 25 साल बाद भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा। इन 25 वर्षों में हमें मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। लक्ष्य बड़ा और कठिन भी है। हर देशवासी को आज इसके लिए जी-जान से जुटना ही है। नए प्रण, नए संकल्प लेने हैं। भारत का विश्वास केवल भारत तक ही सीमित नहीं रहता।
  2. भारत विविधता से भरा देश, इतनी सारी चुनौतियों से लड़ने वाला देश जब विश्वास के साथ आगे बढ़ता है तो इससे दुनिया के अनके देशों को प्रेरणा भी मिलती है। भारत की हर सफलता आने वाले दिनों में दुनिया के लिए प्रेरणा का काम करेगी। भारत यदि तेजी से गरीबी दूर करता है तो यह अन्य देशों को प्रेरित भी करता है। साथियो, सफलता की पहली शर्त सफल होने का विश्वास ही होती है।
  3. नया संसद भवन इस विश्वास को नई बुलंदी देने वाला है। यह विकसित भारत के निर्माण में हमारी प्रेरणा बनेगा। हर भारतीय के कर्तव्य भाव को जाग्रत करेगा। हमें 'नेशन फर्स्ट' की भावना से आगे बढ़ना होगा। हमें कर्तव्यपथ को सर्वोपरि रखना होगा। हमें अपने व्यवहार से उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। हमें निरंतर खुद में सुधार करते रहना होगा। हमें नए रास्ते खुद बनाने होंगे। हमें खुद को तपाना और खपाना होगा। हमें लोक कल्याण को ही जीवन मंत्र बनाना होगा।
  4. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को यह भवन नई ऊर्जा और मजबूती प्रदान करेगी। यहां होने वाला हर निर्णय भारत के भविष्य को संवारेगा। इस भवन की हर ईंट और हर दीवार गरीब के कल्याण के लिए समर्पित है। अगले 25 वर्षों में संसद में बनने वाले नए कानून भारत को विकसित राष्ट्र बनाएंगे। यहां बनने वाले कानून, युवाओं, महिलाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण करेंगे। यह भवन नए भारत के सृजन का आधार बनेगा। मैं समस्त भारतवासियों को नए संसद की बधाई देता हूं।
  5. आजादी का यह अमृतकाल असंख्य सपनों को पूरा करेगा। इस अमृतकाल का आह्वान है-मुक्त मातृभूमि को नवीन प्राण चाहिए। भारत के भविष्य को उज्जवल बनाने वाली इस संसद को भी उतना ही नवीन और आधुनिक होना चाहिए। एक समय था जब भारत दुनिया का सबसे समृद्ध और वैभवशाली राष्ट्रों में गिना जाता था। भारत के मंदिरों से लेकर मूर्तियों तक में भारत की वास्तु विशेषज्ञता का उद्घोष होता था लेकिन सैकड़ों वर्षों की गुलामी ने हमारा गौरव छीन लिया।
  6. 21वीं सदी का भारत बुलंद हौसलों से भरा हुआ है। आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इस भवन में विरासत भी है, वास्तु भी है। कला भी है कौशल भी है। इसमें संस्कृति भी है संविधान के स्वर भी हैं। लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है तो राज्यसभा का आतंरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है। संसद के प्रांगण में हमारा राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है। इस नए भवन में देश की विशेषताओं को समाहित किया गया है।
  7. इस भवन के निर्माण में राजस्थान के बलुआ पत्थर, महाराष्ट्र की लकड़ी लगी है। यूपी में भदोही के कारगीरों ने हाथ से कालीनों को बुना है। एक तरह से भवन के कण-कण में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना के दर्शन होते हैं। संसद के पुराने भवन में सभी के लिए अपने कार्यों को पूरा करना कितना मुश्किल हो रहा था यह हम सभी जानते हैं। पुरानी संसद भवन में तकनीक से जुड़ी समस्याएं थीं। बैठने की जगह की चुनौती थी। देश को नए संसद की आवश्यकता को लेकर बहुत समय से चर्चा चल रही थी। आने वाले दिनों में सीटों की संख्या बढ़ेगी। नए सांसद कहां बैठते। समय की मांग थी कि संसद की नई इमारत का निर्माण किया जाए। मुझे खुशी है कि यह भव्य इमारत आधुनिक सुविधाओं से पूरी तरह लैस है। इस समय भी इस हॉल में सूरज का प्रकाश सीधे आ रहा है। भारत के ये नौ साल नव-निर्माण के रहे हैं।
  8. भारत एक लोकतांत्रित राष्ट्र ही नहीं बल्कि यह लोकतंत्र का जननी भी है। लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ एक व्यवस्था नहीं बल्कि एक संस्कार, विचार और परंपरा है। हमारे वेद हमें सभाओं एवं समितियों के लोकतांत्रिक सिद्धांत सिखाते हैं। हमने वैशाली जैसे गणतंत्रों को जीकर दिखाया है। तमिलनाडु में मिला 900 ई, का शिलालेख आज भी सभी को हैरान कर देता है। लोकतंत्र ही हमारी प्रेरणा और संविधान ही संकल्प है।
  9. हर देश की विकास यात्रा में कुछ पल ऐसे आते हैं जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। कुछ तारीखें समय की ललाट पर इतिहास का अमित हस्ताक्षर बन जाती हैं। आज 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है। देश आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। भारत के लोगों ने अपने लोकतंत्र को संसद के इस नए भवन का उपहार दिया है। मैं देशवासियों को इस स्वर्णिम क्षण की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। यह सिर्फ भवन नहीं है यह 140 करोड़ भारतीयों के आकांक्षाओं एवं सपनों का प्रतिबिंब है।
  10. यह विश्व को भारत के दृढ़ संकल्प को संकेत देने वाला लोकतंत्र का मंदिर है। यह नया संसद भवन योजनाओं को यथार्थ से, नीति को निर्माण से, इच्छाशक्ति को क्रियाशक्ति से, संकल्प को सिद्धी से जोड़ने वाली अहम कड़ी साबित होगा। यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का मध्यम बनेगा। यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। यह नया भारत विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा। यह नया भवन नूतन एवं पुरातन के सह-अस्तित्व भी बेजोड़ उदाहरण है। आज नया भारत अपने लिए नए लक्ष्य गढ़ रहा है।
End of Article
आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें

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