काशी को गंगा विलास क्रूज का पीएम मोदी ने दिया तोहफा लेकिन अखिलेश यादव का नजरिया अलग, क्या सोचती है जनता
सियासत की महिमा भी गजब है। सरकार में रहते हुए राजनीतिक दलों को अपने सभी फैसलों में जनहित, प्रदेश हित और राष्ट्रहित नजर आता है। हालांकि विपक्ष में रहते हुए नजरिया बदल जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी गंगा विलास क्रूज के जरिए काशी को तोहफा देने वाले हैं। लेकिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को इसमें खामी नजर आ रही है।
पीएम नरेंद्र मोदी गंगा विलास क्रूज के जरिए काशी को तोहफा दिया। यह तोहफा ना सिर्फ काशी के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि पर्यटन के नजरिए से इसे देश के लिए भी अहम माना जा रहा है। हालांकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नजरिया थोड़ा जुदा है। उनका मानना है कि गंगा विलास क्रूज की वजह से वाराणसी के नाविकों की जिंदगी पर असर पड़ेगा। बता दें कि 51 दिनों के पड़ाव में गंगा विलास क्रूज करीब 3100 किमी की दूरी तय कर असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगी। इस यात्रा के दौरान क्रूज बांग्लादेश की सीमा में भी दाखिल होगी।
गंगा विलास क्रूज पर एक नजर
- अंतरा क्रूज द्वारा संचालित एमवी गंगा विलास 51 दिनों में भारत के पांच राज्यों और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों से होकर 3,200 किलोमीटर की यात्रा करेगा। यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करेगी और बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगी।
- तीन डेक वाला जहाज 62 मीटर चौड़ा और 12 मीटर चौड़ा है।
- राष्ट्रीय जलमार्ग 1 (NW1) को जोड़ने के अलावा जिसमें ब्रह्मपुत्र पर गंगा और राष्ट्रीय जलमार्ग 2 (NW2) शामिल हैं, क्रूज 27 नदी प्रणालियों को पार करेगा।
- इसमें सभी लक्ज़री सुविधाओं के साथ 36 पर्यटकों की क्षमता वाले 18 सुइट हैं। यूपी पर्यटन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, सुइट्स में सुखदायक अंदरूनी भाग हैं, जो फ्रेंच बालकनी, एलईडी टीवी, तिजोरियां, स्मोक डिटेक्टर और कन्वर्टिबल बेड जैसी कई सुविधाओं से सुसज्जित हैं।
- क्रूज शिप में मुख्य डेक पर एक 40-सीटर रेस्तरां, एक स्पा और एक सन डेक भी है। ऊपरी डेक में एक बार है।
- विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों, और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की यात्रा के साथ 51 दिनों की क्रूज की योजना बनाई गई है।
- सोनोवाल ने कहा कि यह यात्रा विदेशी पर्यटकों को भारत और बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता की अनुभवात्मक यात्रा शुरू करने का अवसर देगी।
- पहली यात्रा में स्विट्ज़रलैंड के 32 पर्यटक यात्रा की पूरी लंबाई के लिए साइन अप कर रहे हैं।
- क्रूज को 6 जनवरी को वाराणसी पहुंचना था लेकिन मौसम की स्थिति और खराब दृश्यता के कारण यह 8 जनवरी को वाराणसी से 65 किमी दूर गाजीपुर पहुंच गया।
- पर्यटकों को गाजीपुर में लॉर्ड कार्नवालिस की समाधि, दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती, और नव पुनर्निर्मित काशी विश्वनाथ गलियारे में ले जाया गया।
लोगों का क्या है कहना
काशी को मिलने जा रहे इस तोहफे पर जनता का प्रतिक्रिया अलग अलग है। ज्यादातर लोगों ने कहा कि अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सिर्फ निराशा वाला बयान है। लोगों का कहना है कि अक्सर विरोध करने की लत में लोग सही प्रोजेक्ट्स का विरोध करने पर आमादा हो जाते हैं। हकीकत में इस क्रूज से काशी को पर्यटन के क्षेत्र में और पहचान मिलेगी। सबसे बड़ी बात यह है कि इस क्रूज से ग्रामीण इलाकों का भी विकास होने वाला है। जिस तरह से यह क्रूज छोटे और बड़े शहरों से गुजरेगी उसकी वजह से स्थानीय उत्पादों के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जानकारी मिलेगी जिसका फायदा अर्थव्यवस्था को मिलेगा।
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