10 लाख नौकरी मोदी का नया दांव 'रोजगार मेला' गुजरात से लेकर दिल्ली तक बनेगा ट्रंप कार्ड !
PM Narendra Modi will launch Rozgar Mela: अच्छे दिन के वादे के साथ 2014 में आई मोदी सरकार, अपने दूसरे कार्यकाल में बेरोजगारी के मुद्दे पर हमेशा से विपक्ष के निशाने पर रही है। पहले कोविड-19 और अब रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बदली परिस्थितियों की वजह से बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार सहज नहीं हो पाई है।
पीएम नरेंद्र मोदी धनतेरस पर लांच करेंगे रोजगार मेला
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी बेरोजगारी के मुद्दे पर चिंता जता चुका है।
- 2024 के लोक सभा चुनाव में बेरोजगारी बन सकता है बड़ा मुद्दा।
- गुजरात, हिमाचल सहित 12 राज्यों में होने हैं विधानसभा चुनाव।
Prime Minister
कोविड दौर से बेरोजगारी बनी बड़ी चुनौती
अच्छे दिन के वादे के साथ 2014 में आई मोदी सरकार, अपने दूसरे कार्यकाल में बेरोजगारी के मुद्दे पर हमेशा से विपक्ष के निशाने पर रही है। पहले कोविड-19 और अब रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बदली परिस्थितियों की वजह से बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार सहज नहीं हो पाई है। हालात यह है कि CMIE के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के महीने में यह 7 फीसदी से ऊपर पहुंच चुकी है। जबकि सितंबर में यह 6.43 फीसदी के स्तर पर थी। परेशान करने वाली बात यह है कि राजस्थान, बिहार, हरियाणा जैसे राज्यों में तो यह दो अंकों में पहुंच गई है।
राज्य | बेरोजगारी दर (सितंबर-2022) |
राजस्थान | 23.8 फीसदी |
जम्मू और कश्मीर | 23.2 फीसदी |
हरियाणा | 22.9 फीसदी |
त्रिपुरा | 17.0 फीसदी |
झारखंड | 12.2 फीसदी |
बिहार | 11.4 फीसदी |
इसी कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने बेरोजगारी इनकम की असमानता और गरीबी पर चिंता जताते हुए हाल ही में कहा था कि हमें इस बात का दुख होना चाहिए कि 20 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं और 23 करोड़ लोग प्रतिदिन 375 रुपये से भी कम कमा रहे हैं। गरीबी हमारे सामने एक राक्षस-जैसी चुनौती है। यह महत्वपूर्ण है कि इस दानव को खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि गरीबी के अलावा असमानता और बेरोजगारी दो चुनौतियां हैं जिनसे निपटने की आवश्यकता है।
कहां से 10 लाख नौकरी देगी मोदी सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने 29 जुलाई 2021 को राज्य सभा में बताया था कि केंद्र सरकार के सभी विभागों में एक मार्च 2020 तक स्वीकृत पदों की संख्या 40,04,941 थी, जिनमें से 31,32,698 कर्मचारी कार्यरत थे। यानी केंद्र सरकार के विभागों में 8.72 लाख पद खाली थे। वहीं सरकार के अनुसार 2016-17 से 2020-21 के बीच सबसे ज्यादा भर्तियों तीन संस्थाओं द्वारा की गई है। इसके तहत कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने 2,14,601 और रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने 2,04,945 उम्मीदवारों की भर्ती की है। जबकि इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 25,267 उम्मीदवारों की भर्तियां की हैं। रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा खाली पद रक्षा, रेलवे, गृह मंत्रालय, डाक तार विभाग आदि में है।
विभाग | खाली पद |
रेलवे | 2,93,943 |
रक्षा (सिविलियन) | 2,64,706 |
गृह मामले | 1,43,536 |
डाक | 90,050 |
रेवेन्यू | 80,243 |
2024 के लोक सभा चुनाव से लेकर 12 राज्यों में बन सकता है चुनावी मुद्दा
रोजगमार मेले की टाइमिंग और 10 लाख नौकरियां देने की डेडलाइन को देखा जाय, तो यह ऐसे समय आई है, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आधा समय बीत चुका है। और अब बैक-टू-बैक चुनाव का दौर भी शुरू होने वाला है। और 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले 12 राज्यों में विधान सभा चुनावों के परिणाम आ चुके होंगे। इसलिए बेरोजगारी को विपक्ष विधान सभा चुनावों से लेकर लोक सभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बना सकता है। ऐसे में 10 लाख नौकरियों का दांव, मोदी सरकार के लिए बड़ा ढाल बन सकता है।
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