BJP के 2500 बूथ कार्यकर्ताओं से 27 जून को PM करेंगे बात, चयन के हैं नियम, संवाद के लिए इन्हें ही क्यों चुना?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जून को चुने गए बीजेपी के 2500 बूथ कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे ताकि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उनका मनोबल बढ़े। इन कार्यकर्ताओं के चयन के लिए गाइडलाइंस भी जारी की गई हैं।

बीजेपी बूथ कार्यकर्ताओं से बात करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी (तस्वीर-फेसबुक)

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने बूथ कार्यकर्ताओं को पहली प्राथमिकता देने और उनका मनोबल बढ़ाने का फैसला किया है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जून को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए पीएम के संबोधन के जरिए अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की योजना बनाई है।

बूथ कार्यकर्ताओं को ही क्यों चुना?

बीजेपी को लगता है कि इससे बूथ स्तर के कार्यकर्ता मजबूत होंगे और पार्टी के टॉप लीडर के साथ बातचीत करके उनमें उत्साह बढ़ेगा। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र से 10 कार्यकर्ताओं के नाम का चयन किया जाएगा। सभी चयनित कार्यकर्ताओं का मूल्यांकन अन्य राज्यों के सीनियर कार्यकर्ताओं द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा। इन कार्यकर्ताओं को 26 जून को भोपाल पहुंचना होगा। ये चयनित कार्यकर्ता वे होंगे जो आगामी चुनावों में बीजेपी के चुनावी बूथ मैनेजमेंट में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री इन चयनित कार्यकर्ताओं से मेरा बूथ सबसे मजबूत की थीम पर बातचीत करेंगे। इस बातचीत में देशभर से बीजेपी के बूथ कार्यकर्ता भी वर्चुअली जुड़ेंगे और बूथ प्रबंधन के लिए पीएम से अहम टिप्स लेंगे। अभियान के तहत चुने गए 2500 कार्यकर्ता सभी 5 चुनावी राज्यों में मंडलों का दौरा करेंगे और स्थानीय बूथ कार्यकर्ताओं के साथ बूथ को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। पांच जुलाई को इन मंडलों में बूथ प्रभारी सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा।

कार्यकर्ताओं के चयन के लिए महत्वपूर्ण गाइडलाइंस

  • कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया हैंडलिंग, सरल ऐप और नमो ऐप को ऑपरेट करने का अनुभव होना चाहिए।
  • कार्यकर्ताओं को बूथ और वोटर लिस्ट विश्लेषण पर काम करने का अनुभव होना चाहिए।
  • कार्यकर्ताओं को बूथ सशक्तीकरण और बूथ कमिटी और पन्ना प्रमुख के गठन पर काम आना चाहिए।
  • कार्यकर्ता पन्ना प्रमुख के रूप में काम कर चुका हो।
  • उन्हें अपने-अपने बूथ पर मन की बात जैसे कम से कम छह कार्यक्रम आयोजित करने का अनुभव होना चाहिए।
  • कार्यकर्ताओं को उन लाभार्थियों की लिस्ट बनाने आना चाहिए जो केंद्रीय कल्याण कार्यक्रमों का हिस्सा रहे हों।
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