चुनाव कर्नाटक में और हंगामा राजस्थान में, सचिन पायलट के अनशन से पहले हरकत में कांग्रेस आलाकमान

सचिन पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि आलाकमान ने सचिन के आधिकारिक ऐलान के बाद भी उनसे न कुछ कहा और न धरना रोकने का आदेश दिया।

सचिन पायलट

Ashok Gehlot Sachin Pilot: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, लेकिन हंगामा राजस्थान कांग्रेस में मचा हुआ है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट की लड़ाई फिर एकबार उजागर हो गई है। इस बीच कांग्रेस सूत्रों ने कहा है कि राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सचिन पायलट के उस बयान से नाराज चल रहे हैं, जिसमें उन्होंने अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था। खबर आ रही है कि रंधावा 11 अप्रैल को जयपुर जाएंगे और सियासी स्थिति का आकलन करेंगे। इस दौरान वह सीएम गहलोत से भी मिल सकते हैं।

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आलाकमान से नहीं आया कोई आदेशवहीं, सचिन पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि 11 अप्रैल को शहीद स्मारक पर होने वाले धरना कार्यक्रम में पायलट जरूर शामिल होंगे। उस कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। साथ ही यह भी कहा है कि आलाकमान ने सचिन के आधिकारिक ऐलान के बाद भी उनसे न कुछ कहा और न धरना रोकने का आदेश दिया। पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि अलाकमान कैसे कहेगा। वे तो पार्टी का वादा पूरा करने को लेकर धरना दे रहे हैं।

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धरना वसुंधरा सरकार के दौरान फैसले से जुड़ासचिन पायलट कैंप से आ रही खबर के मुताबिक, यह धरना वसुंधरा सरकार के वक्त के फैसले की जांच कीं मांग को लेकर है। हमने जनता से इसका वादा किया था। खुद सीएम अशोक गहलोत ने भी 2018 से पहले सचिन पायलट के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए वादा किया था। सचिन कैंप के नेता का कहना है, ''पार्टी की तरफ से जारी बयान में सचिन पायलट का नाम तक नहीं है। न ही उनके लिए कुछ कहा गया है। हर पार्टी अपने वर्तमान मुख्यमंत्री की उपलब्धियां गिनाती है। वही हमारी पार्टी ने भी किया है। सचिन पायलट को उससे क्या ऐतराज होगा। पार्टी के बयान पर उनको प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है।''

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