वक्फ संशोधन बिल पर गरमाई सियासत, समर्थन और विरोध में बंटे नेता; जानिए किसने क्या कहा
सरकार ने कहा कि अगर वह वक्फ संशोधन विधेयक नहीं लाती तो संसद भवन समेत कई इमारतें दिल्ली वक्फ बोर्ड के पास चली जातीं और कांग्रेस के शासनकाल में वक्फ संपत्तियों का सही से प्रबंधन होता तो केवल मुसलमानों की ही नहीं, बल्कि देश की तकदीर भी बदल जाती। वक्फ संशोधन बिल पर सियासत गरमा गई है।

वक्फ संशोधन बिल को लेकर छिड़ा सियासी संग्राम।
Politics on Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल को लेकर सियासी माहौल गर्म है। जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इसे गरीबों के हक और पारदर्शिता की दिशा में उठाया कदम बता रही हैं, तो वहीं विपक्ष और कुछ मुस्लिम संगठन इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ साजिश करार दे रहे हैं। जम्मू बीजेपी के अध्यक्ष सतपाल शर्मा, मौलाना खालिद रशीद फरंगी, कांग्रेस प्रवक्ता रविंदर शर्मा और पूर्व राज्यसभा सांसद एमडी अदीब ने इस मुद्दे पर अपने-अपने विचार रखे हैं।
जम्मू बीजेपी अध्यक्ष सतपाल शर्मा ने बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह बिल गरीबों को उनका हक दिलाने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा, 'कुछ लोग नहीं चाहते कि यह बिल पास हो, क्योंकि इससे वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में लूट-खसोट करने वालों की पोल खुलेगी। यह बिल संसद में चर्चा के लिए रखा गया है और मुझे पूरा भरोसा है कि यह पास होगा।'
BJP ने फायदेमंद बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की
सतपाल शर्मा ने इसे देश की जनता के लिए फायदेमंद बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा, 'पीएम हर समुदाय के बारे में सोचते हैं। यह सराहनीय कदम है। चर्चा के बाद सारी बातें साफ हो जाएंगी कि यह बिल क्या है और इससे क्या बदलाव आएंगे।' ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी ने बिल का कड़ा विरोध किया। उन्होंने से कहा, 'यह बिल पूरी तरह धार्मिक मामला है। इसमें जो संशोधन प्रस्तावित हैं, वे मुस्लिम हितों के खिलाफ हैं।'
उन्होंने सांसदों से अपील की कि वे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं का ध्यान रखें। आज ईद का तीसरा दिन है। हम जश्न मना रहे थे, तभी यह खबर आई। इससे मुस्लिमों में चिंता बढ़ गई है। 90 फीसदी वक्फ संपत्तियां मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों की हैं। इनकी हिफाजत हमारी जिम्मेदारी है।' मौलाना ने कहा कि मुस्लिमों ने कभी कानून-व्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचाया और वे संवैधानिक तरीके से अपनी मांगें रखते हैं। उन्होंने सांसदों से इस बिल को पास न करने की गुजारिश की।
कांग्रेस करेगी इस बिल का विरोध और रोकने की कोशिश
कांग्रेस प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने भी मौलाना के सुर में सुर मिलाया। उन्होंने कहा, 'यह बिल मुस्लिम भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। इसे पास नहीं करना चाहिए।' उन्होंने सांसदों से अपील की कि वे मुस्लिम समुदाय के जज्बातों का ख्याल रखें। उन्होंने कहा, 'मुसलमान इस देश के नागरिक हैं और दूसरी सबसे बड़ी आबादी हैं। उनकी बात संसद में सुनी जानी चाहिए। वक्फ संपत्तियों की रक्षा जरूरी है।' शर्मा ने कहा कि ईद के मौके पर इस बिल की खबर से मुस्लिमों में बेचैनी बढ़ी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस इस बिल का विरोध करेगी और इसे रोकने की कोशिश करेगी।
सांसद एमडी अदीब ने बिल को लेकर दी तीखी प्रतिक्रिया
पूर्व राज्यसभा सांसद एमडी अदीब ने बिल को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'हम तब तक लड़ेंगे, जब तक यह बिल वापस नहीं हो जाता। हम अपनी आखिरी सांस तक हक की लड़ाई लड़ेंगे।' अदीब ने बीजेपी और उसके सहयोगियों पर निशाना साधा। उन्होंने नीतीश कुमार और योगी आदित्यनाथ का जिक्र करते हुए कहा, 'ये लोग सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन जब सरकार बदलेगी, इनके खिलाफ कार्रवाई होगी।'
उन्होंने कहा कि शाहीन बाग आंदोलन का हवाला देते हुए कहा, 'शाहीन बाग में कोई हिंसा नहीं हुई थी। वहां औरतों ने शांतिपूर्ण तरीके से हक मांगा था। इसे गलत नजरिए से न देखें।' अदीब ने संकेत दिया कि इस बिल के खिलाफ संवैधानिक तरीकों से विरोध होगा।
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