कन्हैया लाल की हत्या के एक आरोपी को जमानत पर गरमाई सियासत, गहलोत के वार पर बीजेपी का पलटवार
अशोक गहलोत ने कहा कि इस हत्याकांड का भाजपा ने चुनावी लाभ लेने के लिए राजनीतिक इस्तेमाल किया लेकिन केंद्र के एनआईए ने दोषियों को सजा देने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई।
कन्हैया लाल हत्याकांड में सियासत
- उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल हत्याकांड के एक आरोपी मोहम्मद जावेद को हाई कोर्ट से जमानत
- कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में सियासी घमासान तेज, कांग्रेस अब बीजेपी पर हमलावर
- अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनावी लाभ लेने के लिए घटना का राजनीतिक इस्तेमाल किया
Kanhaiya Lal murder Case: राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल हत्याकांड के एक आरोपी मोहम्मद जावेद को गुरुवार को हाई कोर्ट ने जमानत दे दी। इसके बाद से कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस अब बीजेपी पर हमलावर है और इस मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रही है। अदालत के फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनावी लाभ लेने के लिए घटना का राजनीतिक इस्तेमाल किया, लेकिन भाजपा नीत केंद्र के एनआईए ने दोषियों को सजा देने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। वहीं, भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए भाजपा सरकार प्रतिबद्ध है।
अशोक गहलोत ने बीजेपी को घेरा
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, आज कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल रहे एक आरोपी को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड का भाजपा ने चुनावी लाभ लेने के लिए राजनीतिक इस्तेमाल किया लेकिन केंद्र के एनआईए ने दोषियों को सजा देने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। 28 जून 2022 को हुई इस घटना की रात को ही एनआईए ने ये मामला अपने हाथ में ले लिया पर करीब ढाई साल बीतने के बाद दोषियों को सजा नहीं दिलाई जा सकी। गहलोत ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने भी जल्दी सजा के लिए कोई दबाव नहीं बनाया।
गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी प्रचार में इस घटना का खूब इस्तेमाल किया और भाजपा ने पीड़ित परिवार को दिए गए मुआवजे की राशि 50 लाख रुपए को 5 लाख रुपए बताकर झूठ फैलाया और राजनीतिक लाभ लिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता और पीड़ित परिवार पूछ रहा है कि भाजपा इस घटना का केवल राजनीतिक फायदा ही लेगी या न्याय दिलाने का भी प्रयास करेगी। गहलोत ने आरोप लगाया कि जनता ये नहीं भूली है कि इस हत्याकांड के दो मुख्य आरोपी भाजपा के कार्यकर्ता थे और भाजपा नेता ने उनकी सिफारिश के लिए थाने में फोन किया करते थे।
राठौर का गहलोत पर पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, अशोक गहलोत साहब, कन्हैयालाल हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए भाजपा सरकार प्रतिबद्ध है। लेकिन, आप यह कैसे भूल रहे हैं कि जयपुर सीरियल बम धमाके में 71 निर्दोष लोगों की जान गई लेकिन विगत कांग्रेस सरकार में हाई कोर्ट में लचर पैरवी होने के कारण आतंकियों को बरी कर दिया था। तब इसका दोषी कौन था? कांग्रेस सरकार ने तुष्टीकरण की नीति अपनाते हुए आरोपियों के खिलाफ ढीला रवैया अपनाया था और उन्हें सजा दिलाने में गंभीरता नहीं दिखाई थी।
भाजपा नेता ने कहा, जब उच्चतम न्यायालय ने मुंबई आतंकी हमले के गुनहगार अजमल कसाब को फांसी की सजा सुनाई, तो तत्कालीन संप्रग सरकार ने 6 साल तक उसे क्यों बचाए रखा? तब तो कांग्रेस की ही सरकार थी ना? कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को पकड़वाने में दो युवक शक्ति सिंह और प्रहलाद की भी सक्रिय भूमिका रही थी लेकिन आपकी सरकार ने उनकी सुरक्षा को नजरअंदाज क्यों किया था? गहलोत जी, गुनहगारों को सजा मिलकर रहेगी, चाहे वह कोई भी हो। हमारी भाजपा सरकार का संकल्प स्पष्ट है - दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाना।
आरोपी को हाई कोर्ट ने दी जमानत
साल 2022 में हुए इस जघन्य हत्याकांड में एनआईए अदालत द्वारा जमानत देने से इनकार किए जाने के बाद आरोपी ने जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आरोपी ने अपने वकील सैयद सआदत अली के जरिए दलील दी कि उसे फोन कॉल डिटेल के आधार पर गिरफ्तार किया गया था, जबकि साजिश रचने में शामिल अन्य आरोपियों के साथ उसकी लोकेशन का पता नहीं लगाया जा सका। अली ने कहा कि घटना से पहले अन्य मुख्य आरोपी एक चाय के ढाबे (टी-स्टॉल) पर एकत्र हुए थे लेकिन याचिकाकर्ता की लोकेशन वहां की नहीं थी। उससे कोई बरामदगी नहीं हुई है और मामले में उसका अपराध अभी साबित होना बाकी है। बचाव पक्ष के वकील की दलीलों पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति पंकज भंडारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरोपी को जमानत दे दी, क्योंकि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी उसके और मामले के अन्य मुख्य आरोपियों के खुलासे के बयान पर आधारित थी।
2022 में उदयपुर में कन्हैया लाल की बेरहमी से हत्या
जून 2022 में उदयपुर के व्यस्त हाथीपोल इलाके में दर्जी कन्हैयालाल की उनकी दुकान पर चाकू से हमला कर हत्या कर दी गई थी। कन्हैयालाल पर दो लोगों ने चाकू से हमला किया था। आरोपी इस बात से नाराज बताए जा रहे थे कि कन्हैयालाल ने सोशल मीडिया पर इस्लाम के खिलाफ एक पोस्ट का कथित तौर पर समर्थन किया था। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। मामले की जांच एनआईए कर रही है।
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करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
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