किसानों पर गरमाई सियासत, पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बाद भड़की कांग्रेस; CM भगवंत मान को लपेटा

Punjab: किसानों के खिलाफ पंजाब पुलिस ने जिस कार्रवाई को अंजाम दिया है, उसके बाद सियासत में उबाल आ चुका है। पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी सीमा से किसानों को हटाया। जिसके बाद कांग्रेस ने सीएम भगवंत मान को खरी-खोटी सुना दी है। कांग्रेस ने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों के खिलाफ 'कायराना कार्रवाई' की।

Politics on Farmers

प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ पंजाब पुलिस के एक्शन के बाद छिड़ा सियासी संग्राम।

Politics on Farmers: पंजाब पुलिस ने एक साल से अधिक समय से डेरा डाले किसानों को शंभू और खनौरी सीमा पर स्थित धरना स्थलों से हटा दिया है। इससे पहले पुलिस ने किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद लौटते समय मोहाली में हिरासत में ले लिया था।

अधिकारी ने बताया पंजाब पुलिस ने क्यों की ये कार्रवाई

पुलिस सूत्रों ने बुधवार देर रात बताया कि अस्थायी ढांचों और मंचों को हटाने तथा किसानों द्वारा खड़ी ट्रॉलियों और अन्य वाहनों को हटाने के बाद प्रदर्शन स्थल को खाली करा दिया गया है। यह पूछे जाने पर कि बाधित सड़कों पर यातायात कब बहाल होगा, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पंजाब की तरफ की सड़क खाली होने के बाद यातायात की बहाली इस बात पर निर्भर करेगी कि हरियाणा सरकार अवरोधक कब हटाती है।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली कूच करने से रोके जाने के बाद पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) सीमा पर डेरा डाले हुए थे।

सरकार ने किसानों के खिलाफ 'कायराना कार्रवाई' की: कांग्रेस

कांग्रेस ने सरवण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने की निंदा की और इसे आम आदमी पार्टी (आप) नीत पंजाब सरकार का 'कायरतापूर्ण कृत्य' करार दिया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने किसान संगठनों के नेताओं के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे राज्य सरकार का 'कायराना कृत्य' बताया। उन्होंने कहा कि पंजाब के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि सरकार ने बैठक के बहाने नेताओं को बुलाकर उन्हें ‘गिरफ्तार’ किया हो।

सीएम पर किसान समुदाय की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप

पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाजवा नेता ने यहां जारी एक बयान में कहा कि यह पंजाब की परंपरा भी नहीं है। उन्होंने कहा, 'पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के समूचे किसान समुदाय की पीठ में छुरा घोंपा है। पंजाबी इसे कभी नहीं भूलेंगे और इस शर्मनाक कृत्य के लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।' बाजवा ने कहा कि इसमें जरा भी संदेह नहीं रह गया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार की ‘कठपुतली’ के रूप में काम कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यह साबित हो चुका है कि उन्होंने यह काम भाजपा में अपने ‘आकाओं’ के निर्देश पर किया है।

बाजवा ने कहा, 'मैं यह बात लंबे समय से कहता आ रहा हूं और मैं इसे दोहराता हूं। ‘आप’ और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। एक बार फिर पंजाब में ‘आप’ के घिनौने एजेंडे का पर्दाफाश हो गया है।'

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा ने भी सुनाई खरी-खोटी

पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी घटना की निंदा की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'केंद्र की भाजपा सरकार और पंजाब की ‘आप’ सरकार दोनों ने किसानों को धोखा दिया है और उनकी पीठ में छुरा घोंपा है। आश्चर्य है कि जब केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और किसानों के बीच बातचीत पहले से ही चल रही थी, तब पंजाब पुलिस को किसान नेताओं को गिरफ्तार करने की आवश्यकता क्यों पड़ी।'

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल ने भी किसान नेताओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की और उनकी रिहाई की मांग की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार और पंजाब की ‘आप’ सरकार ने मिलकर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी पर बातचीत के लिए बुलाकर और फिर उन्हें ‘गिरफ्तार’ करके ‘धोखा’ दिया है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited