सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने का मामला गर्माया, विपक्ष के निशाने पर शिंदे सरकार, नौसेना ने दिए जांच के आदेश

इस घटना ने विपक्षी दलों को आलोचना को मौका दे दिया है और खराब बुनियादी ढांचे को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। अब सरकार की तरफ से डैमेज कंट्रोल की कोशिश हो रही है। खास बात यह है कि पीएम मोदी ने ही इसका अनावरण किया था।

Shivaji statue collapsed

शिवाजी महाराज की मूर्ति ढही

मुख्य बातें
  • सिंधुदुर्ग में 35 फुट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने का मामला गर्माया
  • सियासत हुई तेज, विपक्ष के निशाने पर सरकार, डैमेज कंट्रोल की कोशिश तेज
  • नौसेना ने घटना की जांच के आदेश दिए, मरम्मत-पुनर्स्थापना के लिए टीम तैनात
Shivaji Maharaj's statue collapsed: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में सोमवार को 35 फुट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने का मामला गर्मा गया है। इसे लेकर सियासत तेज हो गई है और सरकार विपक्ष के निशाने पर है। वहीं, सरकार की तरफ से डैमेज कंट्रोल की कोशिश हो रही है। खास बात यह है कि इसका अनावरण पिछले साल नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसी वजह से विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में है। इसी बीच नौसेना ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। नौसेना ने देर रात जारी एक बयान में कहा कि उसने दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की तुरंत जांच और जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत व पुनर्स्थापना के लिए कदम उठाने की खातिर एक टीम तैनात की है।

नौसेना ने दिए जांच के आदेश

सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार दोपहर करीब एक बजे ढह गई। बयान में कहा गया है, भारतीय नौसेना सिंधुदुर्ग के निवासियों को 4 दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस पर समर्पित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की क्षति पर गहरी चिंता व्यक्त करती है। बयान में कहा गया है, नौसेना ने राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ, इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण की तत्काल जांच करने और जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत और पुनर्स्थापना के लिए कदम उठाने की खातिर एक टीम तैनात की है।

मंत्री बोले, अब 100 फुट ऊंची मूर्ति बनाएंगे

उधर, महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि यह दुखद है, लेकिन इसकी जगह 100 फुट ऊंची प्रतिमा बनाई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से बात करेंगे और सभी अनुमान तैयार कराएंगे। केसरकर ने कहा, मैं अभी तक वहां नहीं गया हूं। लेकिन यह प्रतिमा नौसेना द्वारा वहां बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज पहले नौसैनिक राजा थे और उन्होंने उनके सम्मान में यह प्रतिमा बनाई थी। यह दुखद है लेकिन अब अच्छी चीजें होंगी। लोगों की मांग थी कि यहां 100 फुट की मूर्ति बनाई जाए। मैं सीएम और डिप्टी सीएम से भी बात करूंगा और हमारे पास इसे बनाने के लिए एस्टीमेट तैयार है।

आदित्य ठाकरे ने बीजेपी को घेरा

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना की तीखी आलोचना हुई है और इसे लेकर सियासत तेज हो गई है। यूबीटी सेना विधायक आदित्य ठाकरे ने इसके लिए भाजपा के अहंकार को जिम्मेदार ठहराया है। ठाकरे ने कहा, हम छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे, जो हमारे और पूरे महाराष्ट्र के आदर्श हैं। मालवण में छत्रपति शिवाजी का स्मारक, जो चुनावों को ध्यान में रखते हुए जल्दबाजी में बनाया गया था और जिसका उद्घाटन मोदी जी ने किया था, आज केवल 8 महीनों में ढह गया। इसका कारण सरकार का ठेकेदार शासन तो है ही, उससे भी ज्यादा खतरनाक है भाजपा की मानसिकता का। इरादा केवल महाराजा की छवि का उपयोग करना था, इसलिए स्मारक की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया।

कांग्रेस ने बोला सरकार पर हमला

विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने घटना की विस्तृत जांच की मांग की है। उन्होंने हा, आठ महीने में छत्रपति की प्रतिमा की यह हालत है। इस घटना की जांच होनी चाहिए। कम से कम छत्रपति शिवाजी महाराज को तो कमीशन से बख्शा जाना चाहिए था। यह साबित हो गया है कि यह सरकार छत्रपति के मूल्यों पर आधारित नहीं है। आज महाराष्ट्र की जनता देख सकती है कि हम क्यों कह रहे हैं कि राज्य में महायुति सरकार महाविनाश की सरकार है। इस स्थान पर एक बार फिर छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति स्थापित की जानी चाहिए, लेकिन दोषी ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए। वडेट्टीवार ने कहा, हम इस ठेकेदार के सभी चल रहे कार्यों को तत्काल वापस लेने की मांग करते हैं। महाराज का अपमान करने वालों को सजा दी जानी चाहिए।

35 फुट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति टूटी

इससे पहले, सिंधुदुर्ग में 35 फुट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद स्थानीय पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109, 110, 125, 318 और 3(5) के तहत दर्ज की गई एफआईआर की पुष्टि सिंधुदुर्ग पुलिस ने की। इस घटना ने विपक्षी दलों को सरकारी की आलोचना को मौका दे दिया है जिन्होंने खराब बुनियादी ढांचे को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि यह पतन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा निर्मित बुनियादी ढांचे की खराब गुणवत्ता का प्रतिबिंब है।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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