पूजा खेडकर मामले में बड़ा खुलासा, दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट- दिव्यांगता प्रमाणपत्र फर्जी

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 29 अगस्त को पूर्व आईएएस परिवीक्षाधीन अधिकारी पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संरक्षण 5 सितंबर तक बढ़ा दिया था। नई रिपोर्ट से पूजा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

पूजा खेडकर

Pooja Khedkar Row: पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं और इस मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पूजा द्वारा दिया गया विकलांगता प्रमाणपत्र फर्जी है। दिल्ली पुलिस में हाई कोर्ट में दाखिल की गई अपनी स्टेटस रिपोर्ट में माना कि पूजा खेड़कर का डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट फर्जी है। सिविल परीक्षा 2022 और 2023 के दौरान पूजा ने सर्टिफिकेट दाखिल किया था। सर्टिफिकेट में पूजा खेड़कर ने अपना नाम बदला था। इन सर्टिफिकेट के महाराष्ट्र से जारी होने का दावा भी झूठा पाया गया।

दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी से दी थी राहत

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 29 अगस्त को पूर्व आईएएस परिवीक्षाधीन अधिकारी पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संरक्षण 5 सितंबर तक बढ़ा दिया था। उन पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से ओबीसी और दिव्यांगता कोटे का लाभ प्राप्त करने का आरोप है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पांच सितंबर तक के लिए टाल दी और पुलिस को इस बीच ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की स्वतंत्रता दी।

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और दिल्ली पुलिस दोनों ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत की खेडकर की याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया है। अधिकारियों के रुख पर दायर जवाब में खेडकर ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा-2022 को सफलतापूर्वक पास करने की प्रक्रिया में न तो गलत बयान दिया है और न ही धोखाधड़ी की है। उन्होंने यह भी कहा कि यूपीएससी को उनकी उम्मीदवारी को खारिज करने का कोई अधिकार नहीं है।

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