Pooja Khedkar: विवादों के बीच पूजा खेडकर कोर्ट से बोली- 'AIIMS में अपनी विकलांगता की जांच कराने को तैयार'
Pooja Khedkar news: न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को तय की है। उन्होंने इस बात को रिकॉर्ड में दर्ज किया कि पुलिस ने आगे की जांच के लिए 10 दिन और मांगे हैं।इस बीच उच्च न्यायालय द्वारा खेडकर को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम सुरक्षा जारी रहेगी।
पूर्व परिवीक्षा अधिकारी पूजा खेडकर
Pooja Khedkar news: भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की पूर्व परिवीक्षा अधिकारी पूजा खेडकर ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अपनी चिकित्सा जांच कराने को तैयार हैं।अदालत आपराधिक मामले में खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर विचार कर रही थी।
खेडकर की यह दलील दिल्ली पुलिस के इस आरोप के उत्तर में आई है कि उनका (खेडकर का) एक विकलांगता प्रमाण पत्र 'जाली' हो सकता है।
दिव्यांगता कोटा का लाभ गलत तरीके से लेने का आरोप
उनके खिलाफ धोखाधड़ी करने और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) तथा दिव्यांगता कोटा का लाभ गलत तरीके से लेने का आरोप है।खेडकर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, 'मैं (खेडकर) अपनी चिकित्सा जांच कराने को तैयार हूं। पहले उन्होंने कहा कि मैंने अपना नाम बदल लिया है। अब वे कह रहे हैं कि (मेरी) दिव्यांगता संदिग्ध है। मैं एम्स जाने को तैयार हूं।'
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दिल्ली पुलिस के वकील ने दलील दी कि खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा देते समय "तथ्यों को छुपाया" अन्यथा वह परीक्षा देने के पात्र नहीं थीं।खेडकर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने दावा किया कि पुलिस ने मामले में दायर अपनी स्थिति रिपोर्ट में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए दबाव नहीं डाला है, और वैसे भी इसकी आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि अधिकारियों के पास सभी रिकॉर्ड उपलब्ध हैं।
'साजिश' और इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों का पता लगाने के लिए खेडकर की हिरासत आवश्यक'
पुलिस ने कहा कि 'साजिश' और इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों का पता लगाने के लिए खेडकर की हिरासत आवश्यक थी।खेडकर ने आरक्षण का लाभ पाने के लिए संघ लोक सेवा आयोग की 2022 की परीक्षा के लिए अपने आवेदन में कथित तौर पर गलत जानकारी दी।यूपीएससी ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने से वंचित कर दिया। खेडकर ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
'उन्हें कोई भी राहत देने से 'गहरी साजिश' की जांच में बाधा उत्पन्न होगी'
यूपीएससी और दिल्ली पुलिस दोनों ने अग्रिम जमानत के लिए खेडकर की याचिका खारिज करने की मांग की है।दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि उन्हें कोई भी राहत देने से 'गहरी साजिश' की जांच में बाधा उत्पन्न होगी और इस मामले का जनता के भरोसे के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा की शुचिता पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
स्थानीय सत्र अदालत ने खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया
इसके बाद पुलिस ने दावा किया कि खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 और सिविल सेवा परीक्षा-2023 के लिए दो अलग-अलग दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए। पुलिस का कहना है कि सत्यापन के बाद यह पाया गया है कि बाद वाले प्रमाण पत्र के 'जाली होने' की 'संभावना' अधिक है।दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। एक स्थानीय सत्र अदालत ने एक अगस्त को खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिनकी 'गहन जांच की आवश्यकता है।'
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