पुलिस-खुफिया एजेंसियों पर नजर रखती थी PFI की इंटेलिजेंस यूनिट, छापे से पहले करती थी आगाह

पीएफआई अपनी अवैध गतिविधियां पुलिस एवं जांच एजेंसियों से छिपाकर रखता था। उसकी ये अवैध गतिविधियां एवं ऑपरेशन पुलिस एवं खुफिया एजेंसियों की नजर में न आए इसके लिए उसने बकायदा अपना एक इंटेलिजेंस यूनिट बनाया था जो पुलिस एवं स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट पर नजर रखती थी।

मुख्य बातें
  • 22 सितंबर को देश भर में 15 राज्यों में एनआईए ने की छापे की बड़ी कार्रवाई
  • इन जगहों से आपत्तिजनक दस्तावेज एवं इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद हुए
  • सूत्रों का कहना है कि पीएफआई की अपनी एक इंटेलिजेंस यूनिट थी

आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से ‘संबंध’होने के चलते सरकार ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) व उससे संबद्ध आठ संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया। पीएफआई और उसके नेताओं से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। पीएफआई के बारे में हैरान करने वाली जानकारियां सामने आई हैं। सूत्रों का कहना है कि पीएफआई का अपना एक इंटेलिजेंस यूनिट था जो पुलिस एवं स्थानीय खुफिया एजेंसियों पर नजर रखता था।

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पीएफआई की इंटेलिजेंस यूनिट

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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया अपनी अवैध गतिविधियां पुलिस एवं जांच एजेंसियों से छिपाकर रखता था। उसकी ये अवैध गतिविधियां एवं ऑपरेशन पुलिस एवं खुफिया एजेंसियों की नजर में न आए इसके लिए उसने बकायदा अपना एक इंटेलिजेंस यूनिट बनाया था जो पुलिस एवं स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट पर नजर रखता था। पीएफआई की यह यूनिट उसे रेड एवं पुलिस की सक्रियता को लेकर आगाह करती थी। इसी इंटेलिजेंस यूनिट के चलते पीएफआई के ठिकानों से पुलिस को कई बार कोई अहम सुराग एवं दस्तावेज नहीं मिल पाते थे।

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