'प्रलय' से चीन की खटिया होगी खड़ी! इंडिया की सबसे घातक बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट के लिए रेडी, नोटम भी जारी
प्रलय का निशाना अचूक है। यह क्वासी बैलेस्टिक सरफेस-टू-सरफेस मिसाइल है। यह 150 से लेकर 500 किमी तक की रेंज में दुश्मन के किसी भी तरह के टारगेट को ध्वस्त कर सकती है। जनवरी 2023 को रक्षा मंत्रालय ने 120 प्रलय मिसाइल्स के प्रोक्योरमेंट को हरी झंडी दे दी थी, जिसके बाद से इसके इंडक्शन की तैयारी तेज कर दी गई है।
प्रलय मिसाइल। (फाइल)
देश की सबसे शक्तिशाली और घातक सरफेस-टू-सरफेस बैलिस्टिक मिसाइल प्रलय है, जो कि पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। गुरुवार और शुक्रवार (क्रमशः एक और दो जून, 2023) को इसका अंतिम ट्रायल है। अब्दुल कलाम द्वीप पर इसके लिए डीआरडीओ की ओर से सभी जरूरी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। मिसाइल को बंगाल की खाड़ी में परखने के लिए 700 किमी की रेंज में नोटिस-टू-एयरमैन जारी हुआ है, जबकि सफल परीक्षण के बाद इसे जल्द ही भारतीय वायुसेना और सेना को दुश्मन पर प्रलय बनकर गिराने के लिए सौंप दिया जाएगा।
खास बात है कि भारत की इस मिसाइस से विस्तारवादी चीन की खटिया खड़ी हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि एलएसी पर अपनी तैनाती को और ज्यादा मज़बूत बनाते हुए भारत जल्द ही वहां पर इस मिसाइल को तैनात करने वाला है। यही वजह है कि डीआरडीओ की बनाई प्रलय मिसाइल हर पैमाने पर जांची-परखी जा रहा है।
प्रलय, क्वासी बैलेस्टिक सरफेस-टू-सरफेस मिसाइल है। यह 150 से लेकर 500 किमी तक की रेंज में दुश्मन के किसी भी तरह के टारगेट को ध्वस्त कर सकती है। जनवरी 2023 को रक्षा मंत्रालय ने 120 प्रलय मिसाइल्स के प्रोक्योरमेंट को हरी झंडी दे दी थी, जिसके बाद से इसके इंडक्शन की तैयारी तेज कर दी गई है। रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, एक जून से दो जून के बीच में प्रलय के फाइनल टेस्ट की तैयारी की जा रही है।
ऐसा माना जा रहा है कि डीआरडीओ इस मिसाइल की रेंज को और ज्यादा बढ़ा रहा है। रक्षा क्षेत्र से जुड़े सूत्रों की मानें तो प्रलय मिसाइल की पहली खेप को इस फाइनल टेस्ट के बाद भारतीय वायु सेना को सौंपा जाएगा और उसके बाद भारतीय सेना को यह मिसाइल दे दी जाएगी। प्रलय की खासियत इसकी एडवांस टेक्नोलॉजी और रेंज है। मिसाइल हवा के बीच में ही जरूरत के मुताबिक अपना रास्ता चेंज कर सकती है, जिसके चलते यह दुश्मन के किसी भी तरह के खतरे को भांप कर उसे नष्ट कर सकती है।
अचूक निशाने वाली इस प्रलय मिसाइल के 120 के पहले लक्ष्य को पूरा करने के बाद 180 और प्रलय मिसाइल पर काम शुरू किया जाएगा। अगले पांच बरस में भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना के पास 300 से ज्यादा प्रलय मिसाइल्स होंगी। भारत के मिसाइल प्रोग्राम में प्रलय मिसाइल का सफल परीक्षण और इंडक्शन एक मजबूत कड़ी साबित होगा।
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