VHP के कार्यक्रम में जस्टिस शेखर यादव की टिप्पणी पर घमासान, प्रशांत भूषण के एनजीओ ने CJI को लिखा पत्र

सीजेआई को लिखे पत्र में भूषण ने कहा कि जस्टिस यादव ने यूसीसी का समर्थन करते हुए भाषण दिया और मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए विवादास्पद टिप्पणी की।

प्रशांत भूषण

Justice Shekhar Yadav remarks: इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव के विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में शामिल होने का मुद्दा तूल पकड़ रहा है। वकील और एनजीओ ‘कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स’ के संयोजक प्रशांत भूषण ने मंगलवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना को एक पत्र लिखकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव के आचरण की विभागीय जांच की अपील की।

विश्व हिन्दू परिषद के एक कार्यक्रम में टिप्पणी

भूषण ने यह अपील जस्टिस यादव द्वारा विश्व हिन्दू परिषद के एक कार्यक्रम में की गई टिप्पणी के मद्देनजर की है। एनजीओ का आरोप है कि यह टिप्पणी न्यायिक नैतिकता और निष्पक्षता और धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर यादव ने कहा था कि समान नागरिक संहिता (UCC) का मुख्य उद्देश्य विभिन्न धर्मों और समुदायों पर आधारित असमान कानून प्रणालियों को समाप्त कर सामाजिक सद्भाव, लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देना है।

जस्टिस यादव ने क्या-क्या कहा

विहिप द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, जस्टिस शेखर यादव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के पुस्तकालय हॉल में रविवार को विहिप के विधि प्रकोष्ठ और हाई कोर्ट इकाई के प्रांतीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा था कि समानता न्याय और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों पर आधारित समान नागरिक संहिता भारत में लंबे समय से एक बहस का मुद्दा रही है। एक समान नागरिक संहिता, एक ऐसे सामान्य कानून को संदर्भित करती है जो व्यक्तिगत मामलों जैसे विवाह, विरासत, तलाक, गोद लेने आदि में सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होता है।

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