'राजा' के दर पर प्रधानसेवक, पीएम मोदी के संकल्प से महाकाल नगरी का कायाकल्प
उज्जैन के महाकाल मंदिर में आज से नए युग की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों महाकाल लोक का उद्घाटन हुआ। महाकाल लोक इतना भव्य है..इतना दिव्य है कि आप इसे निहारते रह जाएंगे।
महाकाल लोक यानी पृथ्वी पर साक्षात् देवलोक, कालों के काल महाकाल के नूतन कॉरिडोर और सनातन लोक का शुभांरम प्रधानमंत्री मोदी ने अब कुछ देर पहले किया है। इससे पहले पीएम मोदी ने महाकाल की पूजा अर्चना की और रुद्राक्ष जाप किया। नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का शुभारंभ किया और उसकी परिक्रमा की। महाकाल लोक इतना भव्य है। इतना दिव्य है कि आप इसे निहारते रह जाएंगे।
'महाकाल लोक' कितना भव्य?
190 शिव मूर्तियां108 स्तंभ
384 मीटर म्यूरल वॉल
81 म्यूरल्स
शिवकथा
नंदी द्वार
पिनाकी द्वार
शिव तांडव स्तोत्र
शिव विवाह
महाकाल वन
महाकालेश्वर मार्ग
शिव अवतार वाटिका
रुद्रसागर झील
सप्तऋषि
कमल कुंड
QR कोड से मूर्ति की कहानी
उज्जैन का इतिहास
ज्योतिर्लिंग - दक्षिणमुखीप्राचीन नाम - उज्जयिनी
प्राचीन काल - राजनीतिक धुरी
पहचान - सांस्कृतिक राजधानी
राजधानी - सम्राट विक्रमादित्य
महत्व - पौराणिक-धार्मिक
स्थान - पृथ्वी की नाभि
द्वापर युग - भगवान कृष्ण की शिक्षास्थली
महाकाल मंदिर का निर्माण कब-कब ?
पहली बार - भगवान ब्रह्माद्वापर युग - नंद से 8 पीढ़ी पूर्व
11 वीं सदी - राजा भोज
13 वीं सदी - धार राजा देपालदेव
18 वीं सदी - राणोजी सिंधिया
धर्मग्रंथों में महाकाल
शिव पुराणस्कंद पुराण
काव्यग्रंथों में महाकाल
रघुवंशम्, कालिदास
मेघदूतम्, कालिदास
हर्षचरित और कादम्बरी, बाणभट्ट
नैपधीयचरित, श्री हर्ष
नवसाहसांकचरित, पुगुप्त
हम्मीर, नयचन्द्र
महाकाल मंदिर में शिवलिंग
महाकालेश्वर
ओमकारेश्वर
नागचंद्रेश्वर
महाकाल प्रोजेक्ट
लागत - 856 करोड़ रुपयेपहला फेज - काम पूरा
दूसरा फेज - 1 साल के अंदर
पहले - 2 हेक्टेयर
अब - 47 हेक्टेयर
महाकाल लोक
लागत- 856 करोड़एरिया - 47 हेक्टेयर
कॉरिडोर- 946 मीटर
उज्जैन के महाकाल मंदिर में आज से नए युग की शुरुआत हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों महाकाल लोक का उद्घाटन हुआ। महाकाल लोक इतना भव्य है। इतना दिव्य है कि आप इसे निहारते रह जाएंगे। महाकाल लोक में 190 शिव मूर्तियां हैं। 108 अद्भुत स्तंभ हैं। 384 मीटर लंबी म्यूरल वॉल है। जिस पर 81 म्यूरल्स हैं। हर म्यूरल की अनूठी कहानी है। कदम-कदम पर शिवकथा है। अलौकिक नंदी द्वार और पिनाकी द्वार हैं। महाकाल वन है। महाकालेश्वर मार्ग है। शिव अवतार वाटिका है। भगवान शिव के आदि शिष्य सप्तऋषि हैं। बेहद भव्य कमल कुंड है।
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टाइम्स नाउ नवभारत author
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