प्रीडेटर ड्रोन बढ़ाएंगे सेना की ताकत, नजर से बच नहीं पाएगा दुश्मन, सटीक वार से होगा काम तमाम

America, Predator drones: अमेरिका के साथ यह सौदा तीन अरब डॉलर (करीब 240 अरब रुपए खर्च होंगे) में होगा। इस डील के तहत मिलने वाले 31 ड्रोन में से 15 नौसेना के पास जाएंगे। जाहिर है कि इससे हिंद महासागर में नौ सेना की निगरानी क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।

Predator drones

अमेरिका से भारत को मिलेंगे प्रीडेटर ड्रोन।

America, Predator drones: नए हथियारों एवं तकनीक से खुद को लैस करती भारतीय सेना को आने वाले दिनों में अचूक मारक क्षमता एवं निगरानी वाले अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन मिलेंगे। रक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका दौरे से पहले 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन खरीदने के सौदे को मंजूरी दे दी। पीएम के अमेरिकी दौरे से पहले यह सौदा काफी अहम माना जा रहा है। प्रीडेटर ड्रोन के सेना में शामिल होने से उसकी सीमा की निगरानी एवं अभियानगत क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।

तीन अरब डॉलर में खरीदे जाएंगे 31 ड्रोन

अमेरिका के साथ यह सौदा तीन अरब डॉलर (करीब 240 अरब रुपए खर्च होंगे) में होगा। इस डील के तहत मिलने वाले 31 ड्रोन में से 15 नौसेना के पास जाएंगे। जाहिर है कि इससे हिंद महासागर में नौ सेना की निगरानी क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। इनके जरिए हिंद महासागर के लंबे क्षेत्र पर नजर रखना नौसेना के लिए ज्यादा आसान हो जाएगा।

इसलिए खास हैं प्रीडेटर ड्रोन

मानवरहित ये ड्रोन दुश्मन के खिलाफ अभियान चलाने में काफी कारगर हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कबायली इलाकों में तालिबान एवं अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अमेरिका एवं सीआईए ने इसी ड्रोन के जरिए कई अभियान सफलतापूर्वक चलाए। एमक्यू-9बी ड्रोन एक बार में 30 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भर सकता है। साथ ही यह एक बार उड़ान भरने के बाद 1900 किलोमीटर क्षेत्र की निगरानी कर सकता है। जमीन, हवा और समुद्र तीनों जगह सैन्य ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है।

अचूक निशाना लगाती हैं इनमें लगीं मिसाइलें

प्रीडेटर ड्रोन अत्यधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले ड्रोन हैं। इनमें अचूक मिसाइलें लगी होती हैं जो दुश्मन और उनके ठिकानों पर बेहद सटीकता के साथ हमला करती हैं। इनके जरिए सीमा एवं समुद्र की निगरानी भी आसान होती है। जनरल ऑटोमिक्स एरोनॉटिकल सिस्टम इस ड्रोन का निर्माण अमेरिकी वायु सेना के लिए करती है। प्रीडेटर ड्रोन 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं।

कई तरह के हथियार लग सकते हैं

अमेरिकी वायु सेना में इस ड्रोन को 2007 में शामिल किया गया। इनका रेंज 1,400 नॉटिकल माइल्स है। प्रीडेटर ड्रोन्स अपने साथ कई तरह के हथियार लेकर जा सकते हैं। इनमें लेजर गाइडेड मिसाइल, वायु से सतह पर मार करने वाली हेलफायर मिसाइल लगाई जा सकती है। इनमें अधिकतम 16 हेलफायर मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। इजराइल और अमेरिका के अलावा किसी और के पास इतने बेहतरीन और एडवांस्ड ड्रोन नहीं हैं।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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