President Droupadi Murmu Address To Nation: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्र के नाम संबोधन, गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कही ये बड़ी बातें

President Droupadi Murmu address to Nation in Hindi (राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन) : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित किया। देशभर में 26 जनवरी को 75वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जाएगा। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड को लेकर तैयारियां भी जोरों पर हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन।

Droupadi murmu speech to Nation on Republic day 2024: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने राष्ट्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से कहीं अधिक पुरानी है, इसीलिए भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ कहा जाता है। राष्ट्र अमृत काल के प्रारंभिक वर्षों में है और यह एक युगांतरकारी परिवर्तन का समय है। उन्होंने आगे कहा कि अपने योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।

यह परिवर्तन का समय है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "हमारा देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है। यह एक युगांतरकारी परिवर्तन का कालखंड है। हमें अपने देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का सुनहरा अवसर मिला है। हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण होगा। इसके लिए मैं सभी देशवासियों से संविधान में निहित हमारे मूल कर्तव्यों का पालन करने का अनुरोध करूंगी। ये कर्तव्य आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रत्येक नागरिक के आवश्यक दायित्व हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि इस संदर्भ में मुझे महात्मा गांधी का स्मरण होता है। बापू ने ठीक ही कहा था, “जिसने केवल अधिकारों को चाहा है, ऐसी कोई भी प्रजा उन्नति नहीं कर सकी है। केवल वही प्रजा उन्नति कर सकी है जिसने कर्तव्य का धार्मिक रूप से पालन किया है।”

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