उच्च स्तरीय वार्ता करने भारत आ रहे मालदीव के विदेश मंत्री, क्या मोइज्जू को समझ में आने लगी चीन की चाल?
Maldives Foreign minister India Visit: यही नहीं मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी की समय सीमा भी 10 मई को खत्म हो रही है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति मोइज्जू उच्च स्तरीय बैठक के लिए अपने विदेश मंत्री मूसा जमीर को भारत भेज रहे हैं।
हाल के दिनों में भारत और मालदीव के रिश्ते में कड़वाहट आई है।
Maldives Foreign minister India Visit: भारत और मालदीव के आपसी संबंधों में आई तल्खी थोड़ी कम होती दिख रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन परस्त मोइज्जू सरकार के विदेश मंत्री नौ मई को भारत दौरे पर आ रहे हैं। मालदीव की सत्ता में राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू के आने के बाद उनकी सरकार के किसी वरिष्ठ मंत्री का यह पहला भारत दौरा है। यही नहीं मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी की समय सीमा भी 10 मई को खत्म हो रही है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति मोइज्जू उच्च स्तरीय बैठक के लिए अपने विदेश मंत्री मूसा जमीर को भारत भेज रहे हैं।
एस जयशंकर से मिलेंगे मूसा
विदेश मंत्रालय ने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर के आधिकारिक दौरे के बारे में जानकारी दी है। मंत्रालय का कहना है कि मूसा आधिकारिक दौरे पर गुरुवार को दिल्ली पहुंचेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान वह अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मिलेंगे और आपसी हित के द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। बता दें कि नवंबर 2023 में मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद मोइज्जू भारत विरोधी हितों को बढ़ावा देते रहे हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि उनका झुकाव चीन के प्रति ज्यादा है और उनकी नीतियां चीन समर्थक हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने भारत से कहा कि वह मालदीव में मौजूद अपने सैन्यकर्मियों को वापस बुला ले। बीते राष्ट्रपति चुनाव में मोइज्जू ने इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हराया। सोलिह को भारत समर्थक माना जाता है।
10 मई तक मालदीव से लौटने हैं सभी सैन्यकर्मी
गत फरवरी में दोनों देशों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि भारत 10 मार्च से 10 मई के बीच अपने सभी 80 सैन्यकर्मियों को वापस बुला लेगा। इसके बाद बीते तीन महीनों में दो टीम भारत आ चुकी हैं। विदेश मंत्रालय का कहना है कि मालदीव को दिए गए दो हेलिकॉप्टर और एक डोर्नियर एयरक्राफ्ट वहीं रहेंगे। इन विमानों का रखरखाव भारत के 'सक्षम तकनीशियनों' द्वारा की जाएगी। ये कर्मी वहां मौजूद सैन्यकर्मियों की जगह लेंगे।
आपसी रिश्तों को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती
मूसा का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में उनके सामने दोनों देशों के बीच रिश्तों में आई दरार एवं कड़वाहट दूर करने एवं संबंधों को पटरी पर लाने के लिए सकारात्मक माहौल बनाना एक बड़ी चुनौती है।
भारत ने बताया-अमह समुद्री पड़ोसी देश
विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'हिंद महासागर क्षेत्र में मालदीव भारत का एक अहम समुद्री पड़ोसी देश है। विदेश मंत्री जमीर की इस यात्रा से उम्मीद है कि दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग में और तेजी आएगी।' बता दें कि भारत ने हाल ही में 2024-25 के लिए मालदीव को निर्यात होने वाली आवश्यक वस्तुओं के कोटा में अभूतपूर्व वृद्धि की है। इसमें अंडे, आलू, प्याज, चीनी, चावल, आटा, दालें, बालू और पत्थर शामिल हैं।
मालदीव के विकास कार्यों में सहयोग देगा भारत
यह 1981 के बाद मालदीव को भेजे जाने वाली जरूरी वस्तुओं के कोटा में अब तक की सबसे बड़ी वृ्द्धि है। कोटा बढ़ाए जाने पर मूसा ने भारत को धन्यवाद दिया। अधिकारियों का कहना है कि अपने 'नेबरहुड पॉलिसी' के तहत मालदीव में मानव केंद्रित विकास में सहयोग देने की अपनी प्रतिबद्धता पर भारत पूरी तरह दृढ़ है।
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