पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि, 'सदेव अटल' पहुंचे राष्ट्रपति, PM, BJP के नेता
Atal Bihari Vajpayee : देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के पुण्यतिथि के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेता शुक्रवार सुबह पूर्व पीएम के समाधि स्थल सैदव अटल पहुंचे और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
पूर्व पीएम वाजपेयी को उनके पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी गई।
- 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म
- साल 1951 में वह भारतीय जनसंघ में हुए शामिल, राजनीतिक पारी शुरू
- तीन बार देश के पीएम रहे, तीसरी बार अपना कार्यकाल पूरा किया
Atal Bihari Vajpayee : देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के पुण्यतिथि के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेता शुक्रवार सुबह पूर्व पीएम के समाधि स्थल सैदव अटल पहुंचे और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जीनत राम मांझी और वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि अर्पित की। वाजपेयी का निंधन लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स में 16 अगस्त 2018 को हुआ। श्रद्धांजलि देने के लिए एनडीए के कई नेता भी 'सदैव अटल' पहुंचे।
राजनीति के 'आजातशत्रु' थे वाजपेयी
भाजपा को एक राजनीतिक पार्टी के रूप में खड़ा करने में वाजपेयी की बहुत बड़ी भूमिका रही। वह तीन बार देश के पीएम बने और एक बार अपना कार्यकाल पूरा किया। वाजपेयी का कार्यकाल कई उपलब्धियों के लिए जाना जाता है। इनका व्यक्तित्व इतना विशाल और विराट था कि विरोधी दल के नेता भी इनकी प्रशंसा करते थे। इस खासियत की वजह से उन्हें राजनीति 'आजातशत्रु' कहा जाता है। वाजपेयी की राजनैतिक शैली की प्रशंसा हर कोई करता है।
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25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्म हुआ
वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ। साल 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। आज की भाजपा को पहले भारतीय जन संघ के नाम से जाना जाता था जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का अभिन्न अंग है। उन्होंने कई कविताएं भी लिखीं। पिछले कई दशकों में वह एक ऐसे नेता के रूप में उभरे जो विश्व के प्रति उदारवादी सोच और लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता को महत्व देता था।
करीब चार दशक तक राजनीति में सक्रिय रहे
13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे। राजनीति के क्षेत्र में वाजपेयी चार दशकों तक सक्रिय रहे। वह लोकसभा (लोगों का सदन) में नौ बार और राज्य सभा (राज्यों की सभा) में दो बार चुने गए जो अपने आप में ही एक कीर्तिमान है। अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद साल 1998 में उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों का टेस्ट कराया।
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