राजस्थान में कब-कब लगा राष्ट्रपति शासन? जानें राजनीति की रोचक कहानियां
Rajasthan Election: राजस्थान में कुल चार बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है। दो बार ऐसे वक्त प्रेसीडेंट रूल लगाया गया जब भैरो सिंह शेखावत प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो चुकी है। आपको बताते हैं कि सूबे में कब-कब राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
राजस्थान में कब-कब और कितनी बार लगा राष्ट्रपति शासन?
President Rule In Rajasthan: राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। कुछ ही दिनों में तारीखों का ऐलान हो जाएगा। सियासी उठापटक का दौरा जारी है, प्रदेश की प्रमुख पार्टिया कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एड़ी-चोटी का जोर लगाने में जुटी हैं। क्या आपको मालूम है कि राजस्थान में कब-कब और कितनी बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है? नीचे पढ़ें...
राजस्थान में कितनी बार लगा राष्ट्रपति शासन?
राजस्थान के सियासी इतिहास में कुल चार बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। पहली बार वर्ष 1967, दूसरी बार 1977, तीसरी बार 1980 और चौथी बार 1992 में यहां राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। आपको इससे जुड़े इतिहास के बारे में बताते हैं।
पहली बार 45 दिनों तक लगा राष्ट्रपति शासन
उस वक्त प्रदेश में मोहनलाल सुखाड़िया की सरकार थी, चुनाव कराए गए और किसी तरह जोड़-तोड़ करके सुखाड़िया ने बहुमत जुटाया और राज्यपाल के पास दावा पेश करने पहुंचे। उन्हें सरकार बनाने का न्योता मिला, मगर इसी बीच जयपुर में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोली चला दी। 13 मार्च 1967 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। हालांकि 45 दिनों के बाद 26 अप्रैल को सुखाड़िया ने सरकार बना ली। उस वक्त देश के राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन थे, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी और डॉ. संपूर्णानंद राजस्थान के राज्यपाल थे।
दूसरी बार हरिदेव जोशी की सरकार को लगा झटका
ये वो दौर था जब मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने। भारत की कई सरकारों को भंग कर दिया गया और राष्ट्रपति शासन लागू हुआ, दोबारा चुनाव कराए गए। इनमें राजस्थान भी एक था। ये इस बार राजस्थान में 30 अप्रैल 1977 से 21 जून 1977 (54 दिनों) तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा। उस वक्त हरिदेव जोशी मुख्यमंत्री थे। उस वक्त बी.डी. जत्ती देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति थे और वेदपाल त्यागी राजस्थान के कार्यवाहक राज्यपाल थे।
इंदिरा गांधी ने लिया जनता पार्टी से बदला
इंदिरा गांधी की वापसी हुई और उन्होंने राजस्थान की भैरो सिंह शेखावत सरकार को भंग कर दिया। प्रदेश के राज्यपाल रघुकुल तिलक की सलाह पर राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने प्रेसीडेंट रूल लागू किया। 17 फरवरी 1980 को राष्ट्रपति शासन लगाया गया और ये 5 जून 1980 तक लागू रहा। उस वक्त देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी। ये राष्ट्रपति शासन 110 दिनों तक लागू रहा।
भैरो सिंह शेखावत को दूसरी बार लगा झटका
6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के बाद देश में राजनीतिक माहौल गरमा रहा था। उस वक्त भारत मे पीवी नरसिम्हा राव की सरकार थी। राजस्थान में भाजपा की सरकार में भैरो सिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे। इस बीच 15 दिसंबर 1992 को सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाया गया, जो 353 दिनों तक लागू रहा। अगले साल 3 दिसंबर 1993 को राजस्थान से राष्ट्रपति शासन हटाया गया। उस वक्त देश के राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा थे। इस दौरान राजस्थान में तीन-तीन राज्यपाल रहे, जिनमें एम चेन्ना रेड्डी, धनिक लाल मंडल और बलिराम भगत का नाम शामिल है।
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