IAF की स्क्वाड्रन स्ट्रेंथ पर PMO का हस्तक्षेप, नए स्वदेशी विमानों के उत्पादन में देरी पर जताई नाराजगी

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लिए लड़ाकू विमानों की खरीद में प्रगति की कमी के लिए मोदी सरकार पर रक्षा पर संसदीय स्थायी समिति (एससीओडी) के सख्त होने के बाद, प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने हाल ही में डीआरडीओ के प्रमुख के साथ बैठक की थी।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
भारतीय वायु सेना में लड़ाकू विमानों की खरीद में होने वाली देरी पर पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमिटी ऑन डिफेंस के बाद अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी चिंता जाहिर की है। सूत्रों के मुताबिक हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय ने डीआरडीओ और एचएल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक कर स्वदेशी फाइटर जेट्स के प्रोक्योरमेंट के शेड्यूल पर जानकारी हासिल की गई।
बैठक में खासतौर पर तेजस MkII और AMCA के शेड्यूल पर बातचीत की गई, गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना में पुराने फाइटर जेट जैसे मिग-21, मिराज 2000 को रिटायर किया जाना है जिसके बाद भारतीय वायु सेना की फाइटर जेट्स की संख्या जरूरत से काफी कम रह जाएगी, जिसे पूरा करने के लिए भारत सरकार ने स्वदेशी एयरक्राफ्ट तेजस मार्क टू और एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट AMCA के लिए मंजूरी दी है लेकिन अब तक इनके निर्माण के शेड्यूल पर खास प्रगति नहीं हो सकी है इस देरी पर भारत सरकार ने चिंता जाहिर की है, इसके अलावा 112 मल्टीरोल फाइटर जेट्स को भी विदेशों से खरीदा जाना है। भारत सरकार का मेड इन इंडिया के तहत भारत में बनने वाले फाइटर जेट्स पर सबसे ज्यादा फोकस है।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लिए लड़ाकू विमानों की खरीद में प्रगति की कमी के लिए मोदी सरकार पर रक्षा पर संसदीय स्थायी समिति (एससीओडी) के सख्त होने के बाद, प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने हाल ही में डीआरडीओ के प्रमुख के साथ बैठक की थी। PMO ने ADA और HAL को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि 2028-29 तक मैं स्वदेशी विमानों का उत्पादन शुरू हो जाना चाहिए ।
फरवरी 2024 में 73 तेजस मार्क-1ए (14-टन वजन) विमानों की डिलीवरी शुरू होने वाली है। पाकिस्तान और चीन के साथ मौजूदा परिस्थितियों की बात करें तो भारतीय वायु सेना की जरूरी स्क्वाड्रन 42 होनी चाहिए लेकिन फिलहाल इंडियन एयर फोर्स के पास 31 स्क्वाड्रन की संख्या है जिसे जल्द ही और ज्यादा बढ़ाया जाना चाहिए। भारत सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए स्वदेशी एयरक्राफ्ट को भारतीय वायुसेना में शामिल करना चाहती है जबकि 112 विदेशी एयरक्राफ्ट को भी खरीदने की प्रक्रिया जारी है।
डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और डिवेलप किए जा रहे एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट पर पिछले कई सालों से काम किया जा रहा है लेकिन इसकी प्रगति को और ज्यादा तेजी से बढ़ाने के लिए भारतीय सरकार ने डीआरडीओ और एचएल को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं ताकि जल्द से जल्द AMCA को भारतीय वायु सेना का हिस्सा बनाया जा सके, वही तेजस के नए कॉन्ट्रैक्ट के शेड्यूल को भी सही समय पर पूरा किया जा सके।
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शिवानी शर्मा author

19 सालों के पत्रकारिता के अपने अनुभव में मैंने राजनीति, सामाजिक सरोकार और रक्षा से जुड़े पहलुओं पर काम किया है। सीमाओं पर देश के वीरों का शौर्य, आत्मन...और देखें

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