एक देश-एक चुनाव: JPC में शामिल हो सकती हैं प्रियंका, सांसद बनने के बाद पहली बार अहम जिम्मेदारी
विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच सरकार ने इस विधेयक को मंगलवार को निचले सदन लोकसभा में पेश किया। विरोध के बीच सरकार ने कहा कि इस पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जाएगा।
प्रियंका गांधी
Priyanka Gandhi In JPC: लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक ( (One Nation One Election)) पर विचार करने के लिए गठित होने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में कांग्रेस की तरफ से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भी शामिल किया जा सकता है। समिति में प्रियंका समेत चार कांग्रेस सांसद शामिल हो सकते हैं। वायनाड से सांसद चुने जाने के बाद प्रियंका के लिए ये पहला बड़ा मौका होगा जब वह जेपीसी जैसी बड़ी समिति में शामिल होंगी।
प्रियंका सहित चार सांसद शामिल होंगे
सूत्रों ने बताया कि पार्टी जेपीसी के लिए लोकसभा से प्रियंका गांधी, मनीष तिवारी और सुखदेव भगत और राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला का नाम भेज सकती है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को निचले सदन में पुर:स्थापित करने के लिए रखा, जिनका विपक्षी दलों ने पुरजोर विरोध किया था।
पक्ष में 269 वोट, जबकि विरोध में 198 वोट
विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच सरकार ने इस विधेयक को मंगलवार को निचले सदन लोकसभा में पेश किया। विरोध के बीच सरकार ने कहा कि इस पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जाएगा। सदन में मत विभाजन के बाद ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ को पुर:स्थापित कर दिया गया। विधेयक को पेश किए जाने के पक्ष में 269 वोट, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े। इसके बाद मेघवाल ने ध्वनिमत से मिली सदन की सहमति के बाद संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024 को भी पेश किया।
यह पहली बार था कि नए सदन में किसी विधेयक पर इलेक्ट्रॉनिक मत विभाजन हुआ। विधेयक पर विपक्षी दलों के विरोध के बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब मंत्रिमंडल में चर्चा के लिए विधेयक आया था, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं मंशा जताई थी कि इसे संयुक्त संसदीय समिति के विचार के लिए भेजा जाना चाहिए।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने किया विरोध
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह संविधान के मूल ढांचे पर हमला है और देश को तानाशाही की तरफ ले जाने वाला कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी की प्रमुख सहयोगी तेलुगू देसम पार्टी और शिवसेना ने विधेयक का समर्थन किया। कानून मंत्री मेघवाल ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से संबंधित प्रस्तावित विधेयक राज्यों की शक्तियों को छीनने वाला नहीं है, बल्कि यह विधेयक पूरी तरह संविधान सम्मत है। उन्होंने विधेयक को जेपीसी के पास भेजने की विपक्ष की मांग पर भी सहमति जताई।
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