पुणे हादसे में अब RTO का एक्शन, रद्द होगा कार का अस्थायी पंजीकरण; जानें अब तक का सारा अपडेट

Pune Car Accident: पुणे कार हादसे से जुड़े कई अपडेट्स लगातार सामने आ रहे हैं। आरटीओ ने कार का अस्थायी पंजीकरण रद्द करने का फैसला लिया है। तो वहीं दो चिकित्सकों की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने जांच समिति बनाई है। जिन्होंने ब्लड सैंपल बदले और फिजिकल चेक अप में भी आरोपी को क्लीन चिट दे दी थी।

Pune Case Update

कार का अस्थायी पंजीकरण होगा रद्द!

Pune Case Updates: महाराष्ट्र के पुणे में हुई कार दुर्घटना को लेकर लगातार कई नए मोड़ सामने आ रहे हैं। जहां इस मामले में दो डॉक्टर्स की गिरफ्तारी हुई है तो वहीं अब कार के खिलाफ आरटीओ का एक्शन सामने आया है। जानकारी सामने आई है कि आरटीओ कार का अस्थायी पंजीकरण रद्द करेगा। वहीं ससून अस्पताल के दो चिकित्सकों की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने जांच समिति बनाई है। उन्होंने सिर्फ ब्लड सैंपल ही नहीं बदले, बल्कि फिजिकल चेक अप में भी आरोपी को क्लीन चिट दे दी थी।

आरटीओ कार का अस्थायी पंजीकरण रद्द करेगा

आरोपी के पिता को आरटीओ ने नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न कार का अस्थायी पंजीकरण रद्द कर दिया जाए और उन्हें जवाब देने के लिए दो दिन का समय दिया था। चूंकि समय सीमा समाप्त हो गई है और कोई संचार नहीं किया गया है, आरटीओ ने पॉर्श कार के अस्थायी पंजीकरण को रद्द करने के लिए बेंगलुरु सेंट्रल आरटीओ को सूचित करने का निर्णय लिया है।

डॉक्टर्स ने फिजिकल चेक अप में भी दी थी क्लीन चिट

19 मई की सुबह एफआईआर रजिस्टर होने के बाद जब नाबालिग आरोपी को फिजिकल चेक अप के लिए अस्पताल ले जाया गया, तब इस चेक अप में भी डॉक्टरों ने आरोपी को क्लीन चिट दे दी थी कि ना वो शराब के नशे में है, ना ही उसके शरीर पर एक्सीडेंट से हुई किसी चोट के निशान हैं।

पुणे कार दुर्घटना के आरोपी के ब्लड सैंपल बदले

पुलिस को संदेह है कि सोमवार को गिरफ्तार किए गए ससून अस्पताल के दो चिकित्सकों द्वारा पोर्श कार दुर्घटना में आरोपी नाबालिग चालक के रक्त नमूने को किसी अन्य व्यक्ति के नमूने से बदलने के लिए कथित तौर पर ‘रिश्वत’ दी गई। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ए.ए. पांडे की अदालत ने अस्पताल के दो चिकित्सक और एक कर्मचारी को 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था, हालांकि अभियोजन पक्ष ने दस दिन की हिरासत की मांग की थी। अभियोजन पक्ष ने कहा कि नाबालिग के पिता ने दोनों चिकित्सक में से एक से नमूने बदलने के लिए कहा था, पुलिस इस बात का पता लगाना चाह रही है कि नमूनों में हेरफेर करने के निर्देश किसने दिए थे।

दो डॉक्टर समेत अस्पताल कर्मचारी गिरफ्तार

पुलिस ने सरकारी अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अजय तावड़े और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर को खून के नमूने में बदलाव करने और सबूत को नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। तीसरे गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान अतुल घाटकाम्बले के तौर पर की गई है जो डॉ. तावड़े के अधीन काम करता है। लोक अभियोजक नीलेश ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने वित्तीय लाभ के लिए अपने-अपने पद का दुरुपयोग किया और नाबालिग के रक्त के नमूनों के सबूत नष्ट कर दिए और उनकी जगह अन्य व्यक्तियों के रक्त के नमूने ले लिए। उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों से आमने-सामने पूछताछ करना चाहती है।

लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि किशोर के पिता (विशाल अग्रवाल) ने डॉ. तवाड़े को बुलाया था और उन्हें नमूने बदलने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा, 'पुलिस इस बात का पता लगाना चाह रही है कि विशाल अग्रवाल के अलावा किसके निर्देश पर रक्त के नमूने बदले गए थे।' अभियोजक ने कहा कि जांच से पता चला कि रक्त के नमूने बदलने के लिए ‘रिश्वत’ के रूप में कुछ वित्तीय लेनदेन हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस आरोपियों के घर की तलाशी भी लेना चाहती है।

आरोपी चिकित्सकों से कौन मिलने आया था?

पुलिस यह पता लगाने के लिए कि आरोपी चिकित्सकों से कौन मिलने आया था, इसके लिए ससून अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और उसके डीवीआर बरामद कर रही है। पुलिस के मुताबिक 19 मई को एक तेज रफ्तार लग्जरी पोर्श कार ने मोटरसाइकिल सवार दो आईटी पेशेवरों को कुचल दिया था जिससे उनकी मौत हो गई थी। उसके मुताबिक कार कथित तौर पर बिल्डर विशाल अग्रवाल का 17 वर्षीय बेटा चला रहा था और उसने हादसे के समय शराब पी रखी थी।

सरकार ने गिरफ्तारी के बाद बनाई जांच समिति

महाराष्ट्र सरकार ने पुणे में पोर्श कार दुर्घटना में शामिल किशोर चालक के रक्त के नमूने में कथित हेरफेर के मामले में सरकारी ससून जनरल अस्पताल के दो चिकित्सकों और एक कर्मचारी की गिरफ्तारी के बाद तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त राजीव निवतकर ने सोमवार को आदेश जारी कर ग्रांट मेडिकल कॉलेज और जे जे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डीन डॉ. पल्लवी सपले को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया।

अन्य सदस्यों में ग्रांट मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. गजानन चव्हाण और छत्रपति संभाजी नगर राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में विशेष कार्य अधिकारी डॉ. सुधीर चौधरी शामिल हैं। समिति मंगलवार को पुणे का दौरा करेगी। आदेश के मुताबिक आयुक्त ने ससून जनरल अस्पताल के डीन डॉ. विनायक काले को भी जांच में समिति का सहयोग करने का निर्देश दिया है।

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    Rakesh Kamal Trivedi author

    20 सालों से अधिक टीवी पत्रकारिता के अनुभव के साथ वर्तमान में टाइम्स नाउ नवभारत चैनल के डिप्टी न्यूज एडिटर पद पर कार्यरत हैं। अपराध जगत और शोध पत्रकारि...और देखें

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