Pune Porsche Accident: अरबपति बाप, 1 करोड़ की कार और 1758 रुपये का रजिस्ट्रेशन तक नहीं, नाबालिग बेटे ने ली थी दो जान

Pune Porsche Accident: पोर्श कार मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर ने आयात की थी और वहां से इसे अस्थायी पंजीकरण पर महाराष्ट्र भेजा गया था। उन्होंने कहा, जब इसे पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में प्रस्तुत किया गया, तो पता चला कि एक निश्चित पंजीकरण शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है और मालिक को प्रक्रिया पूरी करने के लिए 1758 रुपये राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया था।

Pune Porsche Accident: अरबपति बाप, 1 करोड़ की कार और 1758 रुपये का रजिस्ट्रेशन तक नहीं, नाबालिग बेटे ने ली थी दो जान

Pune Porsche Accident: पुणे शहर में बीते दिनों पोर्श कार एक्सीडेंट में दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत हो गई थी। यह कार पुणे के अरबपति बिल्डर का नाबालिग बेटा चला रहा था, घटना के समय वह नशे में भी था। खास बात यह है कि 1 करोड़ से ऊपर की लग्जरी पोर्श कार का रजिस्ट्रेशन तक नहीं था। महाराष्ट्र परिवहन विभाग जानकारी में सामने आया है कि इस कार का स्थायी पंजीकरण मार्च से लंबित था, क्योंकि कार मालिक ने 1758 रुपये की फीस का भुगतान नहीं किया था।

महाराष्ट्र के परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने बताया कि पोर्श कार मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर ने आयात की थी और वहां से इसे अस्थायी पंजीकरण पर महाराष्ट्र भेजा गया था। उन्होंने कहा, जब इसे पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में प्रस्तुत किया गया, तो पता चला कि एक निश्चित पंजीकरण शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है और मालिक को प्रक्रिया पूरी करने के लिए राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया। हालांकि, उसके बाद पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने के लिए वाहन आरटीओ नहीं लाया गया।

इसलिए सिर्फ 1758 रुपये था पंजीकरण शुल्क

अधिकारियों के अनुसार, महाराष्ट्र में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रोड टैक्स में छूट दी गई है, और इसलिए इस पोर्श टायकन मॉडल के पंजीकरण के लिए लागू पंजीकरण शुल्क केवल 1,758 रुपये था। दिलचस्प बात यह है कि पोर्श इंडिया की वेबसाइट के अनुसार उसकी विभिन्न कारों की एक्स-शोरूम कीमत 96 लाख रुपये से लेकर 1.86 करोड़ से अधिक रुपये तक है। हालांकि वेबसाइट पर पोर्श टायकन मॉडल की कीमत नहीं दी गई है।

आरोपी को मिली थी निबंध लिखने की सजा

घटना के बाद पुलिस ने बिल्डर के नाबालिग बेटे को किशोर अदालत में पेश किया, जिसके बाद उसे सड़क सुरक्षा पर निबंध लिखने का निर्देश देकर जमानत दे दी गई। इस फैसले की काफी आलोचना भी हुई थी। इसके बाद पुलिस ने कहा था कि वह उच्च न्यायालय में नाबालिग के खिलाफ बालिग की तरह मुकदमा चलाने की अनुमति लेने के लिए आवेदन करेगी। वहीं, पुलिस ने एक दिन पहले आरोपी के बिल्डर पिता को भी गिरफ्तार कर लिया था। अधिकारियों का कहना है कि 17 साल का नाबालिग जो कार चला रहा था, उस पर 25 साल तक की उम्र तक ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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