Pune Porsche Car Accident: पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट केस में नाबालिग का ऐसे बदला गया ब्लड सैंपल, जानें पूरा घटनाक्रम
Pune Porsche Car Accident: पुणे पोर्श कार दुर्घटना में पुलिस ने ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। उन्हें 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस के मुताबिक सरकारी चिकित्सक ने सबसे पहले विचार व्यक्त किया कि रक्त के नमूनों की अदला-बदली की जा सकती है।
पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट में डॉक्टरों ने बदला था ब्लड सैंपल
Pune Porsche Car Accident: महाराष्ट्र के पुणे में चर्चित पोर्श कार दुघर्टना मामले में शामिल नाबालिग के पिता और ससून राजकीय अस्पताल के डॉ. अजय तावड़े कल्याणी नगर में हुई दुर्घटना के बाद लगातार संपर्क में थे। पुलिस ने मंगलवार को दावा किया। पुलिस के मुताबिक सरकारी चिकित्सक ने सबसे पहले विचार व्यक्त किया कि रक्त के नमूनों की अदला-बदली की जा सकती है।
किशोर के पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और डॉ. तावड़े को 19 मई की दुर्घटना के बाद संबंधित मामलों में गिरफ्तार किया गया है। इस हादसे में दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी जबकि हादसे के समय लग्जरी कार चला रहे 17 वर्षीय किशोर ने कथित तौर पर शराब पी रखी थी और उसने अपनी कार से मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी।
डॉ. तावड़े से अन्य आरोपियों को मिले तीन लाख रुपये
एक अधिकारी ने बताया था कि मामले में पुलिस ने सरकारी अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अजय तावड़े और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर को खून के नमूने में बदलाव करने और सबूत को नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘हमारा ध्यान दो बातों पर है: किशोर के रक्त नमूने को बदलने के लिए किसके रक्त के नमूने का इस्तेमाल किया गया, उसकी पहचान करना।
दूसरा डॉ. तावड़े को कितना वित्तीय लाभ मिला या कितने का वादा किया गया था। यह जानकारी मिली है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हलनोर और तीसरे आरोपी घटकांबले को रक्त के नमूने बदलने के लिए डॉ. तावड़े से कुल तीन लाख रुपये मिले थे। अधिकारी ने बताया कि इस बात की जांच की जानी है कि क्या डॉ. तावड़े ने उन्हें तीन लाख रुपये अपनी जेब से दिए थे या उन्होंने किसी और से पैसे लिए थे।
जानिए पुणे पोर्श दुर्घटना के बाद क्या-क्या हुआ?
- 19 मई को सुबह 11 बजे नाबालिग आरोपी का रक्त नमूना ससून जनरल अस्पताल ले जाया गया। किशोर के पिता विशाल अग्रवाल ने डॉ. अजय टावरे से संपर्क किया।
- डॉ. अजय टावरे ने डॉ. श्रीहरि हाल्नोर से नमूने बदलने को कहा, जिसके बाद एक अन्य व्यक्ति का रक्त नमूना फोरेंसिक लैब भेजा गया।
- ससून जनरल अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि नाबालिग आरोपी ने शराब नहीं पी थी। पुलिस ने एक अन्य सरकारी अस्पताल में डीएनए परीक्षण के लिए किशोर आरोपी से रक्त का एक और नमूना लिया।
- दूसरा रक्त नमूना नाबालिग आरोपी और पिता दोनों से मेल खाता था। ससून जनरल अस्पताल से लिया गया रक्त का नमूना आरोपी से मेल नहीं खाया। पुलिस पूछताछ के दौरान डॉक्टर ने रक्त का नमूना बदलने की बात स्वीकार की। पुणे पुलिस को संदेह है कि किसी लैब तकनीशियन या अटेंडेंट ने तीनों गिरफ्तार व्यक्तियों की सहायता की थी।
बता दें कि इन सब चीजों के बीच ग्रांट मेडिकल कॉलेज और जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डीन डॉ. पल्लवी सापले की अध्यक्षता वाली समिति दिन में ससून अस्पताल पहुंची। समिति ने पुणे अपराध शाखा के कार्यालय का भी दौरा किया, जिसने दुर्घटना मामले को अपने हाथ में ले लिया है। डॉ. सापले ने कहा कि हम अपनी टिप्पणियां राज्य सरकार को सौंपेंगे और यह सरकार का विशेषाधिकार है कि वह क्या कार्रवाई करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हमें सरकार द्वारा जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
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