Porsche Car Case: पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस में नाबालिग को नहीं मिली राहत, 25 जून तक बढ़ी हिरासत

Porsche Car Case: जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने पुणे में कार दुर्घटना में दो आईटी इंजीनियरों की मौत से संबंधित मामले में कथित तौर पर शामिल 17 वर्षीय किशोर की हिरासत बुधवार को 25 जून तक के लिए बढ़ा दी।

पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस में नाबालिग को नहीं मिली राहत

Porsche Car Case: किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने पिछले महीने पुणे में कार दुर्घटना में दो आईटी इंजीनियरों की मौत से संबंधित मामले में कथित तौर पर शामिल 17 वर्षीय किशोर की निगरानी गृह हिरासत बुधवार को 25 जून तक के लिए बढ़ा दी। इससे पहले पुलिस ने बोर्ड के समक्ष दलील दी थी कि उसकी अब भी काउंसलिंग की जा रही है और मामले की जांच जारी है। बिल्डर विशाल अग्रवाल के किशोर बेटे द्वारा कथित तौर पर चलाई जा रही पोर्श कार ने 19 मई को तड़के कल्याणी नगर में एक बाइक को टक्कर मार दी थी जिसपर सवार आईटी पेशेवर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी। वे मध्य प्रदेश के रहने वाले थे।
पुलिस के मुताबिक, किशोर शराब के नशे में गाड़ी चला रहा था।

किशोर की अब भी की जा रही मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग

पुणे पुलिस ने अभियोजकों के माध्यम से किशोर की सुरक्षा का हवाला देते हुए उसे 14 दिन के लिए निगरानी गृह में रखने का अनुरोध किया। वह 12 जून तक निगरानी गृह में था। उन्होंने बोर्ड को यह भी बताया कि फिलहाल किशोर की रिहाई से मामले की जांच तथा अन्य संबंधित मामलों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। अन्य मामलों में 19 मई को दुर्घटना होने के बाद लिए गए उसके रक्त के नमूने कथित तौर पर बदले जाने का मामला भी शामिल है। बचाव पक्ष ने हिरासत अवधि बढ़ाने की पुणे पुलिस की याचिका का विरोध किया और बोर्ड से कहा कि नाबालिग को निगरानी केंद्र से रिहा किया जाना चाहिए।
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