भरी संसद में किया जाता है अपमान, प्रियंका गांधी ने 32 साल पुरानी घटना का किया जिक्र

Priyanka Gandhi statement on Rahul Gandhi: सियासत में वैसे तो एक ही रिश्ता फायदे का होता है। उसके अलावा किसी और रिश्ते गुंजाइश बहुत ही कम। लेकिन प्रियंका गांधी ने जब राहुल गांधी के समर्थन में कहा कि उनके भाई ने क्या किया, अडानी के खिलाफ आवाज उठाने की सजा मिली। देश को एक करने की जो कोशिश की उसकी सजा मिली। उनके परिवार को तो आज तक बदनाम ही किया गया है।

Priyanka Gandhi statement on Rahul Gandhi: राहुल गांधी अब सांसद नहीं हैं। मोदी सरनेम मामले में सजा सुनाए जाने के बाद स्पीकर ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। शनिवार को वो मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि चाहे सांसद रहें या ना रहें लड़ाई जारी रहेगी। नरेंद्र मोदी के खिलाफ जो कुछ बोलते रहे हैं उसे जारी रखेंगे। इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस के नेताओं ने महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर संकल्प सत्याग्रह के तहत इकट्ठा हुए। इन सबके बीच राहुल गांधी के समर्थन में प्रियंका गांधी जमकर बोलीं और 32 साल पुराना एक घटना का जिक्र किया।

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क्या है 32 साल पुरानी कहानी

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प्रियंका गांधी ने कहा कि 1991 में जब पिताजी कि हत्या हुई। उनकी शवयात्रा तीनमूर्ति भवन से निकल रही थी। वो अपनी मां और भाई के साथ गाड़ी में बैठे थे। हम लोगों के सामने सेना का ट्रक फूलों से सजाया गया था और पिताजी का शव उसके ऊपर था। थोड़ी दूर जब हमलोग आगे बढ़े तो राहुल गांधी ने कहा कि उसे उतरना है, मेरी मां ने मना किया क्योंकि सुरक्षा बड़ा मुद्दा था।लेकिन राहुल गांधी उतरे और सेना की ट्रक के पीछे चलने लगे। वो पिताजी के जनाजे के पीछे चलते चलते इस सफर को तय किया। जहां पर हम लोग है वहां से सिर्फ 500 गज की दूरी पर उनके भाई ने पिताजी का अंतिम संस्कार किया। वो तस्वीर आज भी याद है। पिताजी को तिरंगे में लपेटा गया था। उनका भाई जनाजे के पीछे चलते चलते यहां तक पहुंचा है। उनके शहीद पिता का अपमान संसद में किया जाता है। शहीद के बेटे तो देशद्रोही और मीरजाफर कहा जाता है। उनकी मां का अपमान किया जाता है। केंद्र सरकार के मंत्री भरी संसद में मां का अपमान करने से नहीं चुकते।

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