क्या है 2015 का बेअदबी मामला जिसमें राम रहीम को लगा झटका, कितनी बढ़ेंगी मुश्किलें?
पिछले लंबे समय से सिख संगत राम रहीम के खिलाफ बेअदबी मामले में केस चलाने की मांग कर रही थी। अब बेअदबी और इससे जुड़े केस में और तेजी आएगी।
गुरमीत राम रहीम
- 2015 के बेअदबी मामलों में मान सरकार ने दी गुरमीत राम रहीम के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से लगाई गई रोक हटाने के बाद फैसला
- फैसले से राम रहीम की मुश्किलों में और बढ़ोतरी, पहले ही हत्या मामले में जेल में काट रहा है सजा
Gurmeet Ram Rahim: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साल 2015 के बेअदबी मामलों में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा के खिलाफ मुकदमा चलाने की सोमवार को मंजूरी दे दी। मान सरकार का ये फैसला 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा से पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से लगाई गई रोक हटाने के बाद आया है। इस फैसले से राम रहीम की मुश्किलों में और बढ़ोतरी होगी जो पहले ही हत्या मामले में जेल में सजा काट रहे हैं।
पिछले लंबे समय से सिख संगत राम रहीम के खिलाफ बेअदबी मामले में केस चलाने की मांग कर रही थी। अब बेअदबी और इससे जुड़े केस में और तेजी आएगी। चार दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्टे हटाया था।
जानें पूरा मामला यह मामला बरगाड़ी में श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की बेअदबी से संबंधित है, जिसमें राम रहीम पर गंभीर आरोप लगे थे। इसी साल मार्च में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में तीन मुकदमों की जांच पर रोक लगा दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले ही हटा दिया था। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने तीन बेअदबी मामलों में गुरमीत राम रहीम सिंह और डेरा सच्चा सौदा के सात अनुयायियों के खिलाफ मुकदमे को फरीदकोट की एक अदालत से चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया था। डेरा अनुयायी परदीप सिंह कटारिया की हत्या के बाद ये फैसला लिया गया था जो इस मामले में आरोपी था। दिसंबर 2021 में गुरमीत ने हाई कोर्ट का रुख किया था और मांग की थी कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ही 2015 के तीन बेअदबी एफआईआर की जांच जारी रखे।
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