Punjab vs Haryana Govt: घायल किसानों पर आमने-सामने मान और खट्टर सरकार, पंजाब ने हरियाणा को लिखा पत्र, कहा- 'हमारे किसान हमारे हवाले करो'
Punjab vs Haryana Govt on Kisan Andolan: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल को लिखे पत्र में पंजाब सरकार ने कहा है कि पंजाब के रहने वाले प्रीतपाल सिंह को राज्य के अधिकारियों को सौंपा जाना चाहिए। बता दें, किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि 21 फरवरी को हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने कुछ किसानों को पीटा और अपने साथ ले गए।
किसान आंदोलन
Kisan Andolan: किसान आंदोलन में घायल किसानों को लेकर पंजाब और हरियाणा की सरकारें आमने-सामने आ गई हैं। पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने शनिवार को हरियाणा के अपने समकक्ष को पत्र लिखकर घायल 'दिल्ली चलो' मार्च के दौरान झड़प में घायल और पीजीआई-रोहतक में उपचाराधीन किसान को पंजाब के अधिकारियों को सौंपने का अनुरोध किया है।
पंजाब के मुख्य सचिव ने कहा है कि हरियाणा में इलाज करा रहे पंजाब के किसी अन्य किसान को भी राज्य के अधिकारियों को सौंप दिया जाना चाहिए। बता दें, 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि 21 फरवरी को हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने कुछ किसानों को पीटा और अपने साथ ले गए।
किसान आंदोलन: खनौरी बॉर्डर पर एक किसान की हुई थी मौत
पंजाब-हरियाणा सीमा पर दो विरोध प्रदर्शन स्थलों में से एक खनौरी में हुई झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी और लगभग 12 पुलिस कर्मी घायल हो गए। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल को लिखे अपने पत्र में वर्मा ने कहा कि पंजाब के रहने वाले प्रीतपाल सिंह को राज्य के अधिकारियों को सौंपा जाना चाहिए। वर्मा ने लिखा, हमें पता चला है कि किसान आंदोलन के दौरान घायल हुए पंजाब के प्रीतपाल सिंह का पीजीआई (पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट) रोहतक में इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा, आपसे अनुरोध है कि प्रीतपाल सिंह को पंजाब के अधिकारियों को सौंप दिया जाए ताकि पंजाब सरकार पंजाब में उनका मुफ्त इलाज करा सके। इसके अलावा, अगर पंजाब का कोई अन्य आंदोलनकारी किसान हरियाणा में इलाज करा रहा है, तो उसे भी हमें सौंप दिया जाना चाहिए।
किसान आंदोलन: हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट बैन
हरियाणा सरकार ने किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन के मद्देनजर सात जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने शुक्रवार को जारी आदेश में कहा, राज्य में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति के आकलन के बाद, अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिले में हालात अब भी गंभीर और तनावपूर्ण पाए गए हैं। उन्होंने कहा, भड़काऊ सामग्री और अफवाहों के प्रसार के माध्यम से इंटरनेट सेवाओं के दुरुपयोग के कारण इन जिलों में सार्वजनिक कामकाज में व्यवधान, सार्वजनिक संपत्तियों व सुविधाओं को नुकसान और सार्वजनिक कानून व्यवस्था में गड़बड़ी की स्पष्ट संभावना है। आदेश में कहा गया है कि अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों के अधिकार क्षेत्र में वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं, एक साथ कई एसएमएस भेजने (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं आदि पर लगी रोक 24 फरवरी रात 11 बजकर 59 मिनट तक के लिए बढ़ा दी गई है।
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