मुख्तार अंसारी पर जेल में हुए खर्च की वसूली कैप्टन अमरिंदर और रंधावा से करेगी पंजाब सरकार, भगवंत मान का ऐलान

मोहाली में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में अंसारी जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक रूपनगर की जेल में था। हालांकि, इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने पंजाब सरकार को अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश पुलिस को देने का निर्देश दिया था।

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मुख्तार अंसारी पर पंजाब की जेल में खर्च हुए थे 55 लाख रुपये

तस्वीर साभार : PTI

पंजाब सरकार मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्तार अंसारी कभी पंजाब की जेल में बंद था, तब कैप्टन अमरिंदर सीएम थे, कांग्रेस की सरकार थी। आरोप लगा कि अंसारी को कैप्टन बचा रहे हैं, जेल में अंसारी अय्याशी कर रहा है। अब जाकर पंजाब की भगवंत मान सरकार ने दावा किया है कि अंसारी पर 55 लाख रुपये खर्च हुए थे।

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बंद हो जाएगी कैप्टन की पेंशन

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान रूप नगर की जेल में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को रखने पर आए 55 लाख रुपये खर्च की वसूली पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और तत्कालीन जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा से करेगी। मान ने कहा कि अगर सिंह (अब भाजपा नेता) और रंधावा (कांग्रेस विधायक) पैसे का भुगतान नहीं करते हैं, तो उनकी पेंशन और अन्य सुविधाएं निरस्त कर दी जाएंगी।

कब था अंसारी पंजाब की जेल में

मोहाली में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में अंसारी जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक रूपनगर की जेल में था। हालांकि, इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने पंजाब सरकार को अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश पुलिस को देने का निर्देश दिया था। इसके पहले मान ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि उसने अंसारी के जेल में रहने के दौरान उसे सुविधाएं उपलब्ध कराईं।

क्या कहा मान ने

मान ने रविवार को ट्वीट किया- "उप्र के गैंगस्टर (मुख्तार अंसारी) को पंजाब की जेल में रखने और दोस्ती निभाने के लिए उच्चतम न्यायालय में उसका मामला लड़ने पर खर्च हुए 55 लाख रुपये (कानूनी) का भुगतान पंजाब सरकार के खजाने से नहीं किया जाएगा।"

कहां खर्च हुए 55 लाख रुपये

उन्होंने कहा कि इस राशि की वसूली कैप्टन अमरिंदर सिंह और रंधावा से की जाएगी। इसके पहले गत अप्रैल में मान ने कहा था कि उन्होंने इस मामले में अंसारी का बचाव करने के लिए पिछली सरकार द्वारा नियुक्त किए गए महंगे वकीलों के शुल्क के रूप में 55 लाख रुपये के बिल वाली एक फाइल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने तत्कालीन मंत्रियों से पैसे वसूलने की भी बात कही थी। मान के इस बयान के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने तंज कसते हुए कहा था कि आम आदमी पार्टी के नेता को बोलने से पहले तंत्र को समझना चाहिए।

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