क्या पुरी मंदिर के रत्न भंडार की सुरक्षा करते हैं जहरीले कोबरा? सांप पकड़ने वाले, मेडिकल टीम की मौजूदगी में खुलेगा खजाना
Jagannath temple Ratna Bhandar : रत्न भंडार वाले कक्षों को पिछली बार 1978 में खोला गया था। उस समय के कानून मंत्री प्रताप जेना ने बताया था कि रत्न भंडार में रत्न एवं कीमती पत्थर लगे 12 हजार 831 भारी सोने के आभूषण और 22 हजार 153 चांदी के बर्तन और अन्य सामग्री है।
14 जुलाई को खोला जाना है रत्न भंडार।
- ऐसी लोक मान्यता है कि रत्न भंडार की सुरक्षा जहरीले सांप करते हैं
- इसे देखते हुए मंदिर प्रशासन चाहता है कि वहां सांप पकड़ने वाला हो
- रत्न भंडार खोले जाते समय डॉक्टर और मेडिकल की एक टीम रहेगी
Jagannath temple Ratna Bhandar : पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोले जाने की तैयारी चल रही है। 46 सालों के बाद 14 जुलाई को रत्न भंडार वाले कमरे का ताला खोला जाना है लेकिन श्री जगन्नाथ टेंपल एडमिनेस्ट्रेशन (एसजेटीए) के पदाधिकारियों को लगता है कि रत्न भंडार और उसके आस-पास सांप हो सकते हैं। ऐसे में एसजेटीए ने एहतियाती कदम उठाए हैं। रत्न भंडार खोले जाते और आभूषणों की सूची बनाते समय वहां पर सांप पकड़ने वाला और एक मेडिकल टीम मौजूद रहेगी।
रत्न भंडार खोले जाते समय सांप पकड़ने वाला, मेडिकल टीम
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एसजेटीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि 'रत्न भंडार खोलने से जुड़ा एक मसौदा एसओपी मंजूरी के लिए हमने सरकार के पास भेजा है। रत्न भंडार खोले जाने के समय वहां पर एक सांप पकड़ने वाला और डॉक्टर की एक टीम रखने की हमने मांग की है।' ऐसी लोक मान्यता है कि इस रत्न भंडार की सुरक्षा जहरीले कोबरा करते हैं। रत्न भंडार खोलने की मांग करने वाली 16 सदस्यीय समिति में शामिल एक सेवादार ने कहा कि रत्न भंडार में कौन-कौन से आभूषण हैं, इन्हें जानने की उत्सुकता तो बनी हुई है लेकिन वहां सांप होने की आशंका से हम डरे हुए हैं।
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मंदिर परिसर की दीवारों में दरारें एवं छिद्र
रिपोर्ट के मुताबिक एक अन्य सेवादार हरेकृष्णा महापात्रा ने बताया कि जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत हाल ही में जब सौंदर्यीकरण का काम चल रह था तो मंदिर परिसर में सांप देखे गए। महापात्रा ने कहा कि चूंकि यह एक प्राचीन मंदिर है तो परिसर की दीवारों में दरारें एवं छिद्र हैं। हो सकता है कि इन छिद्रों के जरिए सांप रत्न भंडार तक पहुंच गए हों। इसलिए रत्न भंडार खोले जाते समय एहतियाती कदम उठाए जाने चाहिए। रत्न भंडार खोले जाते समय सांप की मौजूदगी जैसी समस्या से निपटने के लिए एक सांप पकड़ने वाले एक निपुण व्यक्ति की तलाश की जा रही है।
भगवान जगन्नाथ, बालभद्र और देवी सुभद्रा के आभूषण
जगन्नाथ मंदिर के एक कमर के दो लॉक में रत्न भंडार होने की बात कही जाती है। इनमें भगवान जगन्नाथ, बालभद्र और देवी सुभद्रा के आभूषण हैं। रत्न भंडार वाले कक्षों को पिछली बार 1978 में खोला गया था। उस समय के कानून मंत्री प्रताप जेना ने बताया था कि रत्न भंडार में रत्न एवं कीमती पत्थर लगे 12 हजार 831 भारी सोने के आभूषण और 22 हजार 153 चांदी के बर्तन और अन्य सामग्री है। 1978 में 13 मई और जुलाई 23 के बीच रत्न भंडार आखिरी बार खोला गया था।
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खास बात यह भी है कि 1985 में 14 जुलाई को भी कमरा खोला गया था लेकिन इस बार रत्न भंडार के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। चर्चा रत्न भंडार से कुछ आभूषण चोरी होने की भी होती है। कुल मिलाकर रत्न भंडार के कमरे को अब तक केवल चार बार 1984, 1978, 1926 और 1905 में ही खोला गया है।
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