'G-20 में न आने का फैसला जिनपिंग, पुतिन का लेकिन जो भी आ रहा गंभीरता के साथ आ रहा', जयशंकर का बड़ा बयान

G 20 Summit 2023 : जी-20 सम्मेलन के लिए सरकार की ओर से से व्यापक स्तर पर की गई तैयारियों पर विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जाने पर जयशंकर ने कहा कि 'यदि कोई दिल्ली के लुटियन जोन एवं विज्ञान भवन में बहुत सहज महसूस किया है तो ऐसा महसूस करना उनका विशेषाधिकार है।

नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में जी-20 सम्मेलन।

S Jaishankar : जी-20 सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के न आने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश के साथ खास बातचीत में विदेश मंत्री ने कहा कि सम्मेलन में न आने का फैसला पुतिन और जिनपिंग का है लेकिन उनके वहां से जो भी आ रहा है वह काफी गंभीरता के साथ आ रहा है। किसी समिट में किसे जाना है इसका फैसला वह देश करता है।

जो भी आएगा अपने देश का रुख प्रकट करेगा

समिट में शी जिनपिंग के न आने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि जी-20 के अलग-अलग मौकों पर ऐसे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रहे हैं जो किन्हीं वजहों से इससे दूर रहे हैं और उन्होंने न आने का फैसला किया। लेकिन इससे उनका महत्व कम नहीं हो जाता। सम्मेलनों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाल लोग अपने देश के रुख को प्रकट करते हैं। मुझे लगता है कि जी-20 सम्मेलन में आने वाले नेता काफी गंभीरता के साथ आ रहे हैं।'

यह अलग तरह की सरकार है-जयशंकर

जी-20 सम्मेलन के लिए सरकार की ओर से से व्यापक स्तर पर की गई तैयारियों पर विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जाने पर जयशंकर ने कहा कि 'यदि कोई दिल्ली के लुटियन जोन एवं विज्ञान भवन में बहुत सहज महसूस किया है तो ऐसा महसूस करना उनका विशेषाधिकार है। आप के समय में भी सम्मेलन होते थे लेकिन इसका प्रभाव शायद विज्ञान भवन से दो किलोमीटर आगे तक नहीं गया। लेकिन यह अलग तरह की सरकार है। समय बदल चुका है। मौजूदा सरकार अलग तरह से सोचती है।'

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