यूं ही नहीं भारतीय नौसैनिकों की कतर से हुई घर वापसी, सजा सुनाए जाने से रिहाई तक PM Modi खुद ले रहे थे हर अपडेट

Qatar India Navy Officer: दिसंबर में प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई में ‘कॉप 28’ शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल-थानी से मुलाकात की थी। यह भी पता चला है कि NSA अजीत डोभाल ने भी कतर के अधिकारियों के साथ बातचीत में भूमिका निभाई थी।

PM Modi

प्रधानमंत्री मोदी ले रहे थे हर जानकारी

Qatar India Navy Officer: कतर की जेल में बंद आठ भारतीय नौसैनिकों की रिहाई हो चुकी है। इनमें से सात वापस भारत भी लौट आए हैं। भारत लौटने के बाद नौसैनिकों ने केंद्र सरकार का आभार जताया है और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिना उनकी वापसी संभव नहीं हो पाती। कतर सरकार के इस फैसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी आभार जताकर कहा है कि देश अपने नागरिकों की रिहाई तथा उनकी घर वापसी को संभव बनाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करता है।

हालांकि, इन भारतीय नौसैनिकों की रिहाई इतनी आसान नहीं थी। इसके लिए भारत सरकार ने कूटनीतिक तरीके से कतर में इस मामले को उठाया, साथ ही खुद प्रधानमंत्री मोदी ने यूएई में कतर के अमीर से मुलाकात की, जिसके बाद सैनिकों की रिहाई का रास्ता खुला। अब विदेश मंत्रालय की ओर से बड़ा बयान जारी किया गया है। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से इस मामले से जुड़े हर अपडेट्स की जानकारी ले रहे थे।

पीएम मोदी ने व्यक्तिगत तौर पर दिखाई रुचि

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कह, हम भारतीय नौसैनिकों की वापसी के लिए आभारी हैं और उन्हें रिहा करने के कतर सरकार और अमीर के फैसले की गहराई से सराहना करते हैं। 8वें भारतीय नागरिक को भी रिहा कर दिया गया है और हम कतर सरकार के साथ काम करना जारी रखेंगे ताकि यह देखा जा सके कि उनकी भारत वापसी कितनी जल्दी संभव होगी। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने स्वयं इस मामले में सभी घटनाक्रमों की व्यक्तिगत रूप से लगातार निगरानी की है और भारतीय नागरिकों की घर वापसी सुनिश्चित करने वाली किसी भी पहल के लिए कभी भी संकोच नहीं किया।

जासूसी मामले में सुनाई गई थी मौत की सजा

बता दें, कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को कथित रूप से जासूसी के एक मामले में पिछले साल अक्टूबर में मौत की सजा सुनाई गई थी। इन कर्मियों में कैप्टन(सेवानिवृत्त) नवतेज गिल और सौरभ वशिष्ठ, कमांडर (सेवानिवृत्त) पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, बीके वर्मा, और सुगुनाकर पकाला और नाविक (सेवानिवृत्त) रागेश शमिल हैं। निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के एक कथित मामले में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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