राघव चड्ढा के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी, AAP ने नियुक्त किया राज्यसभा में पार्टी का नेता

Aam Aadmi Party: राज्यसभा में राघव चड्ढा को AAP ने पार्टी का नेता नियुक्त किया है। वो संजय सिंह की अनुपस्थिति में उच्च सदन में आम आदमी पार्टी के नेता होंगे। राघव चड्ढा राज्यसभा के सबसे युवा सदस्यों में से एक हैं। वर्तमान में उच्च सदन में आप के कुल 10 सदस्य हैं।

Raghav Chadha

राज्यसभा में राघव चड्ढा को आप ने नियुक्त किया पार्टी का नेता।

Raghav Chadha Appointed Leader Of AAP in Rajya Sabha: आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने सांसद राघव चड्ढा को संजय सिंह के स्थान पर राज्यसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया है। राज्यसभा सभापति को लिखे पत्र में आप पार्टी के नेतृत्व ने कहा है कि संजय सिंह की अनुपस्थिति में, जिन्हें ‘स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं’ हैं, राघव चड्ढा अब से उच्च सदन में पार्टी के नेता होंगे।

शराब घोटाले को लेकर जेल में हैं सांसद संजय सिह

आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह दिल्ली शराब नीति मामले में फिलहाल जेल में हैं। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने पुष्टि की कि चड्ढा को सदन का नेता नियुक्त करने के संबंध में आप की ओर से एक पत्र प्राप्त हुआ है। कार्यान्वयन के लिए पत्र राज्यसभा महासचिव के पास है।

राज्यसभा के सबसे युवा सांसदों में से एक हैं चड्ढा

राघव चड्ढा राज्यसभा के सबसे युवा सदस्यों में से एक हैं। वर्तमान में उच्च सदन में आप के कुल 10 सदस्य हैं। राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बाद सदस्यों की संख्या के हिसाब से आप चौथी सबसे बड़ी पार्टी है।

हाल ही में बहाल हुई राघव चड्ढा की संसद सदस्यता

बीते चार दिसंबर को राजस्यसभा ने राघव चड्ढा की संसद सदस्यता फिर से बहाल कर दी थी। राघव पर आरोप लगा था कि उन्होंने पांच राज्यसभा सांसदों का नाम चयन समिति में शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं ली थी। संसद सदस्यता बहाल होने के बाद आप सांसद चड्ढा ने खुशी जाहिर की है और कहा है कि वो राज्यसभा के इस फैसले से खुश हैं।

11 अगस्त, 2023 को हुआ था राघव चड्ढा का निलंबन

राघव चड्ढा को शिकायतों के बाद "विशेषाधिकार के उल्लंघन" के लिए इस साल 11 अगस्त को उच्च सदन (राज्यसभा) से निलंबित कर दिया गया था। सांसद पर आरोप था कि उन्होंने पांच राज्यसभा सांसदों का नाम चयन समिति में शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं ली थी। उन्हें तब तक निलंबित कर दिया गया था जब तक कि विशेषाधिकार समिति ने राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक से संबंधित एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के जाली हस्ताक्षर करने के आरोप पर अपना निष्कर्ष प्रस्तुत नहीं किया। चड्ढा ने अपने इस निलंबन को स्पष्ट रूप से अवैध और कानून के अधिकार के खिलाफ बताया था।

सुप्रीम कोर्ट ने बिना शर्त माफी मांगने की दी थी सलाह

निलंबन का सामना करते हुए, चड्ढा ने उच्च सदन से अपने अनिश्चितकालीन निलंबन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने चड्ढा को जगदीप धनखड़ से मिलने और बिना शर्त माफी मांगने को कहा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने उम्मीद जताई कि अध्यक्ष इस मामले पर "सहानुभूतिपूर्ण" दृष्टिकोण अपनाएंगे। पीठ ने चड्ढा के वकील के बयान दर्ज किया कि सांसद राघव चड्ढा का उस सदन की गरिमा को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं है, जिसके वह सदस्य हैं और वह राज्यसभा सभापति से मिलने का समय मांगेंगे ताकि वह बिना शर्त माफी मांग सकें।
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