Defamation case: गुजरात कोर्ट फैसले के खिलाफ अपील, सोमवार को सूरत जा सकते हैं राहुल गांधी

Rahul Gandhi Defamation case: मानहानि केस में राहुल गांधी सोमवार को गुजरात सेशंस कोर्ट में अपील दायर कर सकते हैं।

Rahul Gandhi Defamation case: राहुल गांधी भी सोमवार को सूरत जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि वो मानहानि केस(Modi surname case) में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सूरत की सेशंस कोर्ट में अपील दाखिल करेंगे। JM कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा दी है। मानहानि मामले में दोष पर रोक की भी करेंगे। अगर उनकी मांग पर अदालत मुहर लगा देती है तो संसद सदस्यता बहाल हो सकती है। मोदी सरनेम मामले में गुजरात की निचली अदालत न उन्हें आईपीसी की धारा 499, 500 के तहत दोषी माना था और दो साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के ठीक एक दिन बाद लोकसभा सचिवालय ने उन्हें सांसदी के लिए अयोग्य घोषित किया। उस फैसले के बाद राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेस के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वो गांधी हैं, सावरकर नहीं किसी से डरते नहीं।

मोदी सरकार पर आरोप

राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि संसद में वो सवाल ना पूछ सकें, लिहाजा सदस्यता रद्द कर दी गई। लेकिन वो लोगों को आवाज बनकर मामलों को उठाते रहेंगे। मोदी जी से जब अडानी के बारे में सवाल किया जाता है तो चुप्पी साध लेते हैं। लेकिन वो सच जनता के बीच लाएंगे। दुनिया की कोई भी ताकत उनकी मुहिम को कमजोर नहीं कर सकती। देश के सामने तरह तरह की चुनौतियां हैं लेकिन यह सरकार चुप्पी साधे हैं। कुछ खास लोग मालामाल हो रहे हैं आम जनता के सामने मुश्किलों का अंबार है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

क्या मामला था

साल 2019 में राहुल गांधी आम चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में रैली में कहा था कि सारे चोर मोदी सरनेम वाले क्यों होते हैं। उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई। सूरक वेस्ट से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने केस दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के इस बयान से पूरे समाज का अपमान हुआ है। करीब चार साल बाद आए फैसले में अदालत ने उन्हें दोषी माना था और दो साल की सजा सुनाई थी। कानूनी सर्किल में इस तरह की चर्चा शुरू हुई कि क्या राहुल गांधी की सांसदी चली जाएगी। कुछ लोगों के हिसाब से राहुल गांधी की सजा निलंबित है लिहाजा एमपी पद पर खतरा नहीं है। लेकिन कुछ लोगों ने कहा कि जैसे कोई सांसद या विधायक को दो साल की सजा मिलती है वो खुद ब खुद उस पद के लिए अयोग्य हो जाता है।

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