Congress Bharat Jodo Yatra:राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए 4 दिसंबर अहम दिन, इन दो पर रहेगी नजर
Congress Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में चार दिसंबर को झालावाड़ में प्रवेश करेगी। और वह 7 जिलों से गुजरेगी। इस दौरान राहुल गांधी 15 दिन तक राजस्थान में रहेंगे। इस दौरान सबकी नजर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट पर रहेगी।
कांग्रेस के लिए बेहद राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा
- अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को कह दिया था गद्दार
- सचिन पायलट की सीएम की कुर्सी पर नजर
- अगले 15 दिन राजस्थान में रहेगी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा
7 जिलों को कवर करेगी भारत जोड़ो यात्रा
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में चार दिसंबर को झालावाड़ में प्रवेश करेगी। और वह 7 जिलों से गुजरेगी। इस दौरान राहुल गांधी 15 दिन तक राजस्थान में रहेंगे। वैसे तो राहुल की यात्रा को देखते हुए उनके करीबी सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यात्रा को राजस्थान में सफल होने की बात कही है। वहीं अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के साथ विवाद पर 29 नवंबर को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जब राहुल गांधी ने कह दिया कि दोनों एसेट हैं, तो बात ही खत्म।
दोनों नेताओं की खींचतान का डर को किस कदर है। इसे प्रेस कांफ्रेंस में राहुल के बेहद करीबी और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल खुद वहां पर मौजूद थे और उन्हों का हकि ने कहा कि हम एक साथ हैं। यही नहीं दोनों नेताओं ने कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी एक है।
अशोक गहलोत ने कहा था गद्दार
हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तीखी बयानबाजी हुई थी। गहलोत ने सचिन पायलट पर हमला बोलते हुए कहा था कि सचिन पायलट ने गद्दारी की है, पार्टी से धोखा किया, उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बना सकते वे गद्दार हैं। इस पर सचिन पायलट ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें इस तरह के बचकाने बयान से बचना चाहिए।
2 साल से चल रहा है विवाद
अशोक गहलोत और सचिन पायलट में साल 2020 से ही विवाद चल रहा है। असल में जब 2018 में राजस्थान में कांग्रेस सरकार की वापसी हुई तो उस वक्त सचिन पायलट प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष थे। ऐसे में उन्हें उम्मीद थी कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन आलाकमान ने अशोक गहलोत के अनुभव को तरजीह दी। और उसके बाद ही दोनों नेताओं में खींचतान चल रही है। अगस्त 2020 में पायलट ने बगावती तेवर दिखा दिए थे। जिसे प्रियंका गांधी की अगुआई में जैसे-तैसे संभाला गया। लेकिन अक्टूबर 2022 में कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के समय, फिर अशोक गहलोत के साथियों की बगावती तेवर के बाद फिर से भड़क गई है। ऐसे में देखना है कि भले ही दोनों नेता भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एकजुटता दिखा रहे हैं, लेकिन जमीन पर उनके समर्थक क्या करते हैं, यही भारत जोड़ो यात्रा की सबसे बड़ी चुनौती है।
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