मणिपुर के चुराचांदपुर में रोका गया राहुल का काफिला, प्रमोद कृष्णन बोले- छा जाने से कैसे रोकोगे
राहुल गांधी का दौरा पिछले हफ्ते नई दिल्ली में मणिपुर की स्थिति पर हुई सर्वदलीय बैठक के बाद हो रहा है।
Rahul Gandhi
Rahut Gandhi in Manipur: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के काफिले को आज चुराचांदपुर के रास्ते में पुलिस ने रोक दिया। यह मणिपुर में जातीय हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक है। राहुल गांधी आज सुबह इंफाल पहुंचे और चुराचांदपुर जा रहे थे, जहां उनकी योजना राहत शिविरों में जातीय संघर्ष से विस्थापित हुए लोगों से मिलने की है। इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से अब लगभग 50,000 लोग राज्य भर में 300 से अधिक राहत शिविरों में रह रहे हैं।
राहत शिविर जाने की थी योजना
राहुल हिंसा प्रभावित मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे के लिए गुरुवार को इंफाल पहुंचने के बाद चुराचांदपुर जिले के लिए रवाना हुए थे। जिले में राहुल की, हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से राहत शिविरों में मिलने की योजना है। इससे पहले कांग्रेस की राज्य इकाई के अधिकारियों ने बताया कि अपने दो दिवसीय दौरे पर वह नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों और अन्य लोगों से भी बातचीत करेंगे।
राज्य में कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि इस दौरे का मकसद मणिपुर में जातीय संघर्ष से प्रभावित लोगों को सांत्वना देना है। मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र ने राहुल गांधी के दौरे से पहले कहा कि मणिपुर में हालात अच्छे नहीं हैं...हिंसा अब भी जारी है और गोलीबारी होती रहती है।
उन्होंने दावा किया कि लोगों को भाजपा की डबल-इंजन सरकार पर भरोसा नहीं है। कांग्रेस की मणिपुर इकाई के प्रभारी डॉ. अजॉय कुमार ने दौरे की शुरुआत में पीटीआई वीडियो से कहा, सरकार को लोगों की बात सुननी चाहिए। बीरेन सिंह सरकार को हटाया जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की शुक्रवार को इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करने और बाद में कुछ नागरिक संगठनों के सदस्यों से बातचीत करने की भी योजना है।
प्रमोद कृष्णम बोले, छा जाने से कैसे रोकोगे
वहीं, राहुल का काफिला रोके जाने के बाद कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन ने इसे लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए लिखा- मणिपुर जाने से राहुल गांधी को रोक सकते हो, लेकिन देश में छाने से कैसे रोकोगे।
हिंसा में 100 से अधिक की जान गई
3 मई को उत्तर-पूर्वी राज्य में भड़की हिंसा के बाद से 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है। अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान झड़पें हुई थीं। मैतेई समुदाय राज्य की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत है और इंफाल घाटी में रहता है। दूसरी ओर नगा और कुकी जैसे आदिवासी आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं। इन दोनों समुदाय के बीच लगातार हिंसक संघर्ष जारी है।
मणिपुर हिंसा पर हुई सर्वदलीय बैठक
राहुल गांधी के दौरे की घोषणा पिछले हफ्ते नई दिल्ली में मणिपुर की स्थिति पर हुई सर्वदलीय बैठक के बाद हुई है। हिंसा प्रभावित राज्य में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की मांग उठाने के अलावा विपक्ष ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने की मांग की। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर में हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। खड़गे ने ट्वीट किया, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का कोई भी प्रचार मणिपुर की स्थिति से निपटने में अपनी घोर विफलता को छुपा नहीं सकता है।
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