क्या होता है गोत्र? अब उठा नया मुद्दा- राहुल को 'गांधी' नहीं 'फिरोज' लिखना चाहिए; समझिए सियासी मायने

Rahul Gandhi Gotra Politics: राहुल गांधी के गोत्र को लेकर सियासत में एक नया विवाद शुरू हो गया है। केंद्रीय मंत्री ने साध्वी निरंजन ज्योति ने राहुल की आस्था पर सवाल उठाया और कहा कि कांग्रेस नेता को 'गोत्र' व्यवस्था के अनुसार 'फिरोज' उपनाम लिखना चाहिए। आपको बताते हैं कि आखिर गोत्र क्या होता है और एक बार फिर इसे लेकर बवाल क्यों शुरू हो गया।

क्या होता है गोत्र और क्यों राहुल गांधी पर बार-बार उठता है सवाल?

Congress Gotra Sawal: राजनीति में गोत्र के सवाल पर एक बार फिर बवाल छिड़ गया है। कांग्रेस और राहुल गांधी के गोत्र पर मोदी सरकार की मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने सवाल खड़े किए, जिसके बाद सियासत में एक बार फिर उबाल आ गया। मगर राजनीति और गोत्र का आखिर क्या वास्ता है, आखिर बार-बार कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी के गोत्र पर क्यों सवाल उठाया जाता है। पहले आपको समझाते हैं कि आखिर गोत्र होता क्या है।

पूर्वजों का प्रतिनिधित्व करता है गोत्र

हिंदुओं में गोत्र व्यवस्था की काफी मान्यता है। मोटे तौर गोत्र पर उन लोगों के समूह को कहते हैं जिनका वंश एक मूल पुरुष पूर्वज से अटूट क्रम में जुड़ा है। इसका सीधा संबंध किसी कुल या वंश से होता है। किसी मूल व्यक्ति या पूर्वजों का प्रतिनिधित्व उनका गोत्र ही करता है। सामान्यत: ऋषियों को गोत्र परंपरा में मूल व्यक्ति माना गया है। हिंदू धर्म की विधि के तहत दो प्रसिद्ध सिद्धांत हैं, पहला- मिताक्षरा और दूसरा दायभाग है।

मिताक्षरा सिद्धांत के अनुसार खून के रिश्तों (संबंधियों) को दो प्रवर्गों में विभक्त किया जा सकता है। पहला- सपिंड गोत्रज अथवा गोत्रिय और दूसरा- बंधु या अन्य गोत्रिय। गोत्रिय का अर्थ पितृ पक्ष (पिता से संबंधित) है। जबकि अन्य गोत्रिय का अर्थ मातृपक्ष से जुड़ी शृंखला है। अब आपको बताते हैं कि आखिर राहुल गांधी का क्या गोत्र है।

End Of Feed