संसद की सुरक्षा में क्यों हुई चूक? राहुल गांधी ने बताया कारण, जानें ताजा अपडेट

Parliament Security Breach: राहुल गांधी ने संसद की सुरक्षा में चूक पर कहा है कि 'ये घटना क्यों हुई, देश में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है। पीएम मोदी की पॉलिसीज के कारण हिंदुस्तान के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। इस घटना के पीछे का कारण बेरोजगारी और महंगाई है।'

Rahul Gandhi On Parliament Security Breach

संसद की सुरक्षा में चूक पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया।

Rahul Gandhi Reaction On Parliament Incident: संसद की सुरक्षा में 13 दिसंबर को सेंध लगाने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया है और इस घटना का कारण बताया है कि आखिर सुरक्षा चूक की घटना क्यों हुई। राहुल गांधी ने इस घटना के पीछे की असल वजह महंगाई और बेरोजगारी बताई। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।

राहुल गांधी ने बताई सुरक्षा चूक की वजह

संसद में सुरक्षा चूक की घटना पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "ऐसा क्यों हुआ? देश में मुख्य मुद्दा बेरोजगारी है। प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों के कारण देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और इसके पीछे (इस घटना का) कारण बेरोजगारी और महंगाई है।"

मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुद्दे पर दी प्रतिक्रिया

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली: संसद में सुरक्षा चूक की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "यह गंभीर मामला है और इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए। हम सदन में बार-बार कह रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री आकर बयान दें लेकिन वे वहां नहीं आना चाहते और बयान नहीं देना चाहते, यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है।"

आरोपियों ने सोचे थे खुद को आग लगाने के विकल्प

संसद की सुरक्षा में 13 दिसंबर को सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार पांचों आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने लोकसभा के कक्ष में कूदकर धुआं उड़ाने की योजना पर सहमति बनाने से पहले स्वयं को आग लगाने और पर्चे बांटने जैसे विकल्पों पर भी विचार किया था। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

सांसद प्रताप सिम्हा का बयान किया जाएगा दर्ज

मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं सांसद प्रताप सिम्हा का बयान दर्ज करने की भी योजना है। सदन के भीतर सुरक्षा में सेंध लगाने वाले दो पुरुषों को सिम्हा के जरिए पास मिला था। आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की जिसके बाद सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया था। लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने ‘केन’ से रंगीन धुआं फैलाते हुए 'तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाए थे। पांचवें आरोपी ललित झा ने परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर कथित तौर पर प्रसारित किए।

सरकार तक अपना संदेश पहुंचाने का था इरादा

जांच से अवगत दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, '(लोकसभा कक्ष में कूदने की) इस योजना को अंतिम रूप देने से पहले उन्होंने (आरोपियों ने) कुछ ऐसे तरीके तलाशे थे जिनके जरिए वे प्रभावशाली तरीके से सरकार तक अपना संदेश पहुंचा सकें।' उन्होंने बताया कि आरोपियों ने सबसे पहले अपने शरीर को अग्निरोधक लेप से ढककर आत्मदाह करने पर विचार किया, लेकिन फिर यह विचार त्याग दिया। अधिकारी ने बताया कि उन्होंने संसद के अंदर पर्चे बांटने पर भी विचार किया, लेकिन आखिरकार संसद में धुआं फैलाने का विकल्प चुना।

अधिकारी ने बताया कि विशेष प्रकोष्ठ की ‘काउंटर इंटेलिजेंस टीम’ इस मामले के संबंध में मैसूर से भाजपा सांसद सिम्हा का बयान दर्ज करने की भी योजना बना रही है। सूत्रों ने बताया कि बच निकलने में झा की मदद करने के आरोपियों महेश और कैलाश को जांचकर्ताओं ने क्लीन चिट नहीं दी है। पुलिस झा को जल्द ही राजस्थान के नागौर ले जाएगी जहां वह भागने के बाद बुधवार को ठहरा था। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उसे उस स्थान पर ले जाया जाएगा, जहां उसने अपना एवं अन्य आरोपियों के मोबाइल फोन नष्ट करने का दावा किया है। सभी पांचों आरोपियों को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है।

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