Inside Story: राहुल गांधी रायबरेली, वायनाड और सस्पेंस, नेता विपक्ष को लेकर भी फैसले का इंतजार!

Rahul Gandhi News: राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड में जो कहा उसके राजनीतिक मायने और कांग्रेस संगठन में भविष्य की हलचल को समझने की कोशिश में जारी हैं।

Inside Story: राहुल गांधी रायबरेली, वायनाड और सस्पेंस, नेता विपक्ष को लेकर भी फैसले का इंतजार!
Rahul Gandhi News: पिछले दो दिनों में राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड में जाकर जनता का आभार व्यक्त कर चुके हैं। लेकिन यह तय नहीं है कि वह रायबरेली में अपनी मां सोनिया गांधी की विरासत को संभालेंगे या फिर उनके बुरे समय में जीत दिलाने वाली केरल के वायनाड को। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश की रायबरेली को ही अपने की ज्यादा संभावना है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी के लिए कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारियां राह देख रही हैं। खास करके उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान मिली सफलता के बाद राहुल गांधी के राजनीतिक रणनीति में बदलाव के आसार नजर आ रहे हैं।
1. कांग्रेस की संगठन महासचिव बन सकती हैं प्रियंका गांधी!
प्रियंका गांधी लंबे समय से कांग्रेस संगठन में बिना किसी पोर्टफोलियो के महासचिव पद पर हैं। ऐसे में संभावना है कि उन्हें पार्टी संगठन में उनको बड़ा पद दिया जाए। अगर राहुल लोकसभा में नेता विपक्ष का पद नहीं लेते हैं तो मौजूदा संगठन महासचिव और अपने करीबी के सी वेणुगोपाल को ये जिम्मेदारी मिल सकती है। फिर इस बात के बड़े आसार हैं कि प्रियंका गांधी कांग्रेस के संगठन महासचिव की ज़िम्मेदारी सम्भाल सकती हैं। पार्टी अध्यक्ष के बाद संगठन महासचिव कांग्रेस में दूसरा सबसे बड़ा पद होता है। इस बात के संकेत इससे भी मिलते हैं कि लगातार इंडिया जनबन्धन की बैठकों से प्रियंका ने खुद को दूर रखा, लेकिन अंतिम चरण के मतदान के दिन और फिर नतीजों के दिन हुई दोनों बैठक में राहुल, सोनिया, केसी वेणुगोपाल और अध्यक्ष खरगे के अलावा कांग्रेस की तरफ से प्रियंका भी शामिल हुईं।
2. रायबरेली से राहुल, वायनाड से प्रियंका के आसार?
नेहरू-गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत, मां सोनिया भावुक अपील करके रायबरेली की सीट राहुल गांधी को सौंपना। इसके अलावा वायनाड की तुलना में रायबरेली में ज्यादा वोटों से मिली जीत भी ये संकेत है कि राहुल रायबरेली सीट अपने पास रखें और वायनाड से परिवार का रिश्ता बना रहे इसलिये वहां से उपचुनाव में प्रियंका गांधी को लड़ा दें।
3. या फिर राहुल नहीं छोड़ने वायनाड का साथ?
दूसरा विकल्प बच्चे एक ही राहुल गांधी वायनाड सीट न छोड़ें। रायबरेली से लड़ने के लिए राहुल गांधी शुरू में तैयार नहीं थे। दो सीटों से लड़ने की बजाय सिर्फ वायनाड से ही लड़ना चाहते थे। उनकी थी कि जब अमेठी से हारे तब वायनाड ने जिताया, वायनाड से उनका व्यक्तिगत रिश्ता बन गया है। ऐसे में ऐसे कयास ये भी लग रहे हैं कि, राहुल वायनाड अपने पास रखें और रायबरेली से प्रियंका को उपचुनाव लड़ा दें। इससे प्रियंका यूपी से उत्तर भारत मे सक्रिय रहें, रायबरेली से परिवार का रिश्ता भी बना रहेगा। वैसे भी अमेठी रायबरेली में प्रचार की कमान प्रियंका ने संभाली थी। हालांकि, सूत्रों का मानना है कि राहुल के रायबरेली छोड़ने कस आसार काफी कम हैं। आखिर हिंदी हार्टलैंड को छोड़ 20 सीट वाले केरल को कैसे चुन सकते हैं?
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गौरव श्रीवास्तव author

टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पेंच से जुड़ी हर खबर आपको इस जगह मिलेगी। साथ ही चुना...और देखें

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