सावरकर मानहानि मामले में राहुल गांधी को कोर्ट ने किया तलब, 23 अक्टूबर को पुणे अदालत में होगी पेशी

विनायक दामोदर सावरकर के पोते ने मार्च 2023 में लंदन में एक कार्यक्रम में हिंदुत्व विचारक को बदनाम करने और गाली देने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। जिसके बाद पुणे की एक विशेष अदालत ने विनायक दामोदर सावरकर के पोते द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को तलब किया है

पुणे की अदालत ने सावरकर मानहानि मामले में राहुल गांधी को 23 अक्टूबर को किया तलब

Savarkar Defamation Case: पुणे की एक विशेष अदालत ने विनायक दामोदर सावरकर के पोते द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को तलब किया है, जिसमें कांग्रेस नेता पर सावरकर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है। अदालत ने शुक्रवार को गांधी को समन जारी कर 23 अक्टूबर को पेश होने को कहा है। पिछले साल सावरकर के पोते सात्यकी सावरकर ने इस सिलसिले में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ पुणे की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी।

23 अक्टूब को कोर्ट के सामने पेश होंगे राहुल गांधी

पिछले महीने यह मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (एफएमएफसी) अदालत से सांसदों और विधायकों के लिए विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था। सात्यकी सावरकर का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता संग्राम कोल्हटकर ने कहा कि संयुक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) अमोल शिंदे की अध्यक्षता वाली विशेष अदालत ने गांधी के खिलाफ समन जारी करते हुए कहा कि मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) के तहत दंडनीय आरोप का जवाब देने के लिए उनकी उपस्थिति आवश्यक है और उनका 23 अक्टूबर को अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना आवश्यक है।
अपनी शिकायत में सात्यकी सावरकर ने आरोप लगाया कि गांधी ने मार्च 2023 में लंदन में दिए अपने भाषण में दावा किया था कि वी डी सावरकर ने एक किताब में लिखा है कि उन्होंने और उनके पांच-छह दोस्तों ने एक बार एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और उन्हें (सावरकर को) खुशी हुई थी। सात्यकी सावरकर ने कहा कि ऐसी कोई घटना कभी नहीं हुई और वी डी सावरकर ने कभी भी, कहीं भी ऐसी कोई बात नहीं लिखी। उन्होंने गांधी के आरोप को काल्पनिक, झूठा और दुर्भावनापूर्ण करार दिया। अदालत ने पुलिस को आरोपों की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। विश्रामबाग पुलिस थाने ने जांच की और कहा कि प्रथम दृष्टया शिकायत में सच्चाई है।
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