Kavach System: रेल सुरक्षा की नई तकनीक कवच प्रणाली का सफल ट्रायल रन, रेल मंत्री खुद इंजन में रहे मौजूद-Video
Kavach system trial run: राजस्थान में सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी स्टेशन तक नई तकनीक कवच प्रणाली सफल ट्रायल रन किया गया, रेल मंत्री खुद इंजन में सवार थे।
कवच प्रणाली ट्रायल रन
Kavach-fitted Train Trial: भारतीय रेल में मिशन रफ्तार के तहत नई तकनीक कवच प्रणाली का ट्रायल रन कोटा रेल मंडल में किया गया, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की इंजन में मौजूदगी के दौरान सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी स्टेशन तक इसका परीक्षण किया। बता दें कि परीक्षण 130 किमी प्रति घंटे की गति से चालक दौड़ रहा था, लेकिन कवच अपने आप होम पर रुक गई, सिग्नल के फुट से 50 मीटर दूर जाने की अनुमति नहीं है।
गौर हो कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली की दक्षता परीक्षण के लिए 24 सितंबर की दोपहर को कवच-युक्त ट्रेन में यात्रा की, रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, वैष्णव सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के कवच लगे इंजन में सवार हुए और इंदरगढ़ रेलवे स्टेशन तक 45 मिनट की यात्रा की।
इन 45 मिनटों में ट्रेन अलग-अलग गति से चली यह देखने के लिए कि क्या यह लोको पायलट द्वारा ब्रेक लगाए बिना लाल सिग्नल पर अपने आप रुकती है।
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यह आपातकालीन स्थिति में स्वचालित रूप से ब्रेक लगा सकती है
कवच प्रणाली, जिसे स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (ATP) के रूप में भी जाना जाता है, अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा विकसित की गई है, और यह आपातकालीन स्थिति में स्वचालित रूप से ब्रेक लगा सकती है। रेल नेटवर्क को चरणबद्ध तरीके से कवच प्रणाली के तहत लाने के लिए रेल मंत्रालय पिछले आठ वर्षों से इस परियोजना पर काम कर रहा है। हाल ही में एक प्रेस ब्रीफिंग में वैष्णव ने कहा था कि 3,000 किलोमीटर लंबे मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-कोलकाता रेल मार्गों पर कवच प्रणाली को चालू करने का काम चल रहा है और अगले साल मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है।
कवच 4.0 पहाड़ी इलाके, जंगल, तटीय और रेगिस्तानी क्षेत्रों में सभी प्रकार की संचार चुनौतियों से निपटने में सक्षम
वैष्णव ने कहा कि कवच उन्नत संस्करण 4.0 को 17 जुलाई, 2024 को अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा अनुमोदित किया गया था और बड़े पैमाने पर लगाए जाने का काम जल्दी ही शुरू होगा। रेल मंत्री के अनुसार, कवच 4.0 सभी भौगोलिक परिस्थितियों, जैसे पहाड़ी इलाके, जंगल, तटीय और रेगिस्तानी क्षेत्रों में सभी प्रकार की संचार चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगा।
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रवि वैश्य author
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