कवच से लैस ट्रेन में यात्रा करेंगे रेल मंत्री वैष्णव, राजस्थान के सवाई माधोपुर में होगा 45 मिनट का ट्रायल

ट्रायल के दौरान 45 मिनट में ट्रेन अलग-अलग गति से चलेगी, यह देखने के लिए कि क्या यह लोको पायलट द्वारा ब्रेक लगाए बिना लाल सिग्नल पर अपने आप रुकती है या नहीं। ट्रायल के दौरान रेल मंत्री के साथ मीडियाकर्मी भी रहेंगे।

Ashwini vaishnaw

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

मुख्य बातें
  • रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव राजस्थान में कवच-युक्त ट्रेन में यात्रा करेंगे
  • सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के कवच लगे इंजन में सवार होंगे
  • इंदरगढ़ रेलवे स्टेशन तक 45 मिनट की यात्रा करेंगे

Kavach-fitted Train Trial: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली की दक्षता परीक्षण के लिए मंगलवार दोपहर को कवच-युक्त ट्रेन में यात्रा करेंगे। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, वैष्णव शाम 4 बजे सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के कवच लगे इंजन में सवार होंगे और इंदरगढ़ रेलवे स्टेशन तक 45 मिनट की यात्रा करेंगे। अधिकारी ने कहा कि इन 45 मिनटों में ट्रेन अलग-अलग गति से चलेगी, यह देखने के लिए कि क्या यह लोको पायलट द्वारा ब्रेक लगाए बिना लाल सिग्नल पर अपने आप रुकती है। ट्रायल के दौरान रेल मंत्री के साथ मीडियाकर्मी भी रहेंगे।

स्वचालित रूप से ब्रेक लगाने की क्षमता

कवच प्रणाली, जिसे स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (ATP) के रूप में भी जाना जाता है, अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा विकसित की गई है, और यह आपातकालीन स्थिति में स्वचालित रूप से ब्रेक लगा सकती है। रेल नेटवर्क को चरणबद्ध तरीके से कवच प्रणाली के तहत लाने के लिए रेल मंत्रालय पिछले आठ वर्षों से इस परियोजना पर काम कर रहा है। हाल ही में एक प्रेस ब्रीफिंग में वैष्णव ने कहा था कि 3,000 किलोमीटर लंबे मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-कोलकाता रेल मार्गों पर कवच प्रणाली को चालू करने का काम चल रहा है और अगले साल मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है।

कवच 4.0 प्रोजेक्ट पर काम

वैष्णव ने कहा कि कवच उन्नत संस्करण 4.0 को 17 जुलाई, 2024 को अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा अनुमोदित किया गया था और बड़े पैमाने पर लगाए जाने का काम जल्दी ही शुरू होगा। रेल मंत्री के अनुसार, कवच 4.0 सभी भौगोलिक परिस्थितियों, जैसे पहाड़ी इलाके, जंगल, तटीय और रेगिस्तानी क्षेत्रों में सभी प्रकार की संचार चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगा।

रेल मंत्रालय के अनुसार, यात्री ट्रेनों पर कवच का पहला फील्ड परीक्षण फरवरी 2016 में शुरू किया गया था और प्राप्त अनुभव और तीसरे पक्ष द्वारा सिस्टम के स्वतंत्र सुरक्षा मूल्यांकन के आधार पर कवच की आपूर्ति के लिए 2018-19 में तीन फर्मों को मंजूरी दी गई थी। रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि कवच को अब तक दक्षिण मध्य रेलवे पर 1465 रूट किमी और 139 लोकोमोटिव (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेक सहित) पर तैनात किया गया है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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