बारिश से हाहाकार: पटरियां भी पानी में डूबीं, 8 दिनों में 300 मेल-एक्सप्रेस ट्रेन और 406 यात्री ट्रेनें रद्द
पूरे उत्तर भारत में बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हालात गंभीर हो गए हैं।
Railways
Rain in India: देश भर में हो रही जबरदस्त बारिश ने ट्रेनों की आवाजाही पर भारी असर डाला है। रेलवे ने बताया है कि पटरियों पर जलभराव के कारण सात जुलाई से 15 जुलाई के बीच 600 से अधिक मेल/एक्सप्रेस ट्रेन, 500 यात्री ट्रेन की सेवाएं प्रभावित हैं। पटरियों पर जलभराव के कारण सात जुलाई से 15 जुलाई के बीच लगभग 300 मेल/एक्सप्रेस ट्रेन, 406 यात्री ट्रेनें रद्द की गईं।
इन राज्यों में जबरदस्त बारिश
पिछले कुछ दिन में भारी बारिश के बाद पटरियों पर जलभराव के कारण सात जुलाई से 15 जुलाई के बीच 300 से अधिक मेल व एक्सप्रेस ट्रेन और 406 पैसेंजर ट्रेन रद्द कर दी गई हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पटरियों पर पानी भरने की वजह से 600 से अधिक मेल/एक्सप्रेस ट्रेन, 500 पैसेंजर ट्रेन की सेवाएं प्रभावित हुईं। उत्तर पश्चिम भारत में शनिवार से तीन दिन तक लगातार बारिश हुई। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में भारी से बेहद भारी बारिश दर्ज की गई।
इस वजह से नदी-नालों में जलस्तर बढ़ गया और बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा पंजाब में आवश्यक सेवाएं भी प्रभावित हुईं। अधिकारियों ने बताया इस क्षेत्र में सेवाओं का संचालन करने वाले उत्तर रेलवे ने करीब 300 मेल/एक्सप्रेस ट्रेन को रद्द कर दिया। 100 ट्रेन को बीच रास्ते में रोक दिया गया और 191 अन्य का मार्ग बदला गया। कुल 67 ट्रेन निर्धारित गंतव्य की जगह दूसरे स्थान से शुरू हुईं।
उन्होंने बताया कि भारी जलभराव के कारण उत्तर रेलवे ने भी 406 पैसेंजर ट्रेन रद्द कीं, 28 ट्रेन के मार्ग बदले गए, 54 ट्रेन को बीच रास्ते में रोक दिया गया और 56 ट्रेन निर्धारित गंतव्य की जगह दूसरे स्थान से शुरू हुईं। उत्तर रेलवे के एक बयान के मुताबिक, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश और खराब मौसम के कारण अंबाला, दिल्ली, फिरोजपुर तथा मुरादाबाद मंडलों पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन पर हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है।
बयान के अनुसार, ट्रेन रद्द करने, निर्धारित गंतव्य से पहले रद्द करने/मार्ग बदलने /यात्रा शुरू करने के संबंध में स्टेशन पर नियमित रूप से घोषणाएं की जा रही हैं। यात्रियों को टिकट की जानकारी और पैसे वापस करने के लिए उत्तर रेलवे में विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि जलभराव संबंधी जानकारी देने के लिए रेलवे कर्मचारियों को तैनात किया गया है और स्थिति की नियमित निगरानी की जा रही है।
बता दें कि पूरे उत्तर भारत में बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हालात गंभीर हो गए हैं। जहां दिल्ली में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है, वहीं हिमाचल में हालात और भी बुरे हैं। यहां अब तक 39 मौत हो चुकी है। ब्यास नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। प्रदेश में करीब 11 रास्ते बंद हो गए हैं, सैकड़ों पर्यटक फंस गए हैं और कई मकान-दुकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
दिल्ली में बिगड़े हालात
यमुना का पानी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के कारण गुरुवार को दिल्ली सचिवालय सहित शहर के कई प्रमुख इलाकों में पानी भर गया, जिससे सामान्य जनजीवन तथा यातायात प्रभावित हो गया। अधिकारियों को बचाव व राहत कार्यों को अंजाम देने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 10 बजे यमुना का जलस्तर 208.53 मीटर तक पहुंच गया, जिससे 45 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नदी के पास के स्कूलों को बंद करने और जल शोधक संयंत्रों को बंद करने की घोषणा की है। लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने के लिए निचले इलाकों में घुटनों तक भरे पानी से गुजरना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाए गए। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर एहतियाती कदम के रूप में राज्य सरकार ने सिंधु बार्डर सहित शहर की चारों सीमाओं से आवश्यक सामान लाने वाले वाहनों को छोड़कर भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
ट्विटर पर परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश की एक प्रति साझा करते हुए उन्होंने कहा, यमुना नदी में असामान्य रूप से बढ़ते जल स्तर को देखते हुए एहतियात के तौर पर सिंघू बॉर्डर, बदरपुर बॉर्डर, लोनी बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर से भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड से आने वाली अंतरराज्यीय बसें आईएसबीटी कश्मीरी गेट न जाकर सिंघू बॉर्डर पर ही रुक जाएंगी।
हिमाचल का बुरा हाल
हिमाचल प्रदेश सरकार ने बुधवार को दावा किया कि पिछले तीन दिनों में कुल्लू और मनाली से लगभग 25,000 पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है, लेकिन सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं क्योंकि भूस्खलन और बाढ़ के कारण 1,100 से अधिक सड़कें अभी भी बंद हैं। खबरों के मुताबिक चंबा, शिमला, सिरमौर, किन्नौर और अन्य जिलों में बड़ी संख्या में पर्यटक फंसे हुए हैं। मोबाइल कनेक्टिविटी बंद होने के बाद जो लोग अधिकारियों से संपर्क नहीं कर पा रहे थे, वे अब पुलिस और जिला प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं। लापता व्यक्तियों के ठिकाने की तलाश में सोशल मीडिया पर भी कई संदेश साझा किए गए हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक राज्य के आठ शहरों - मनाली, सोलन, रोहड़ू, ऊना, घमरूर, पच्छाद, हमीरपुर और केलोंग में जुलाई में एक दिन की बारिश के पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। चार दिनों में किन्नौर तथा लाहौल और स्पीति जिलों में पूरे मानसून सीज़न की 43 प्रतिशत और 33 प्रतिशत बारिश हुई। राज्य में बुधवार को आठ लोगों की मौत की सूचना मिली, जिससे पिछले चार दिनों में भारी बारिश के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। (भाषा इनपुट)
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