Amrit Kalash: अमृत कलश अभियान के लिए रेलवे भी तैयार, विशेष ट्रेनें चलाने की योजना

रेलवे ने 16 अक्टूबर को अपने 17 जोन को स्वयंसेवकों को 29 अक्टूबर तक दिल्ली लाने के लिए हर राज्य की राजधानी से विशेष अमृत कलश ट्रेनें बनाने के निर्देश जारी किए हैं।

रेलवे चलाएगा अमृत कलश ट्रेनें

Amrit Kalash Trains: अमृत कलश अभियान के लिए रेलवे ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। रेलवे ने इस संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने पिछले सप्ताह रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा को लिखा था कि स्वयंसेवक नई दिल्ली में अमृत वाटिका और आजादी का अमृत महोत्सव स्मारक में योगदान देने के लिए 'अमृत कलश' में मिट्टी ले जाएंगे। इस पत्र में कहा गया है कि धरती और देश के लिए बलिदान देने वाले लोगों के सम्मान में हर घर से देश की मिट्टी एकत्र की जा रही है। जहां मिट्टी उपलब्ध नहीं है, वहां लोग चावल का एक दाना दान कर सकते हैं। इस मिट्टी का उपयोग दिल्ली में बनाई जा रही अमृत वाटिका में किया जाएगा।

अमृत कलश ट्रेनें चलाने का निर्देश

इस पत्र में कहा गया है कि वाटिका और स्मारक एक स्थायी विरासत और हमारे वीरों की वीरता और बलिदान की भावना की स्थायी याद दिलाएगा जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता और प्रगति को हकीकत बनाया है। रेलवे ने 16 अक्टूबर को अपने 17 जोन को स्वयंसेवकों को 29 अक्टूबर तक दिल्ली लाने के लिए हर राज्य की राजधानी से विशेष अमृत कलश ट्रेनें बनाने के निर्देश जारी किए हैं। हर राज्य से कई कलश लाए जाने हैं और इसके लिए सुरक्षा भी तैनात है। स्टेशनों को सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है।

'मिट्टी एंथम' से दिखाई जाएगी हरी झंडी

हर ट्रेन को स्थानीय वीआईपी की मौजूदगी में और विशेष रूप से निर्मित 'मिट्टी एंथम' के साथ धूमधाम से हरी झंडी दिखाई जाएगी। स्वयंसेवक दिल्ली-गुरुग्राम सीमा क्षेत्रों में रहेंगे, इसलिए इन ट्रेनों के लिए निकटतम स्टेशनों को चिह्नित किया जा रहा है। भारी भीड़ की आशंका को देखते हुए रेल मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि ट्रेनों में अनुमानित संख्या से 20 फीसदी अधिक यात्रियों के बैठने की जगह की व्यवस्था की जा सकती है। तेज आवाजाही के लिए सबसे छोटे संभावित रूट भी तैयार किए जा रहे हैं। यह मेगा इवेंट 31 अक्टूबर को नई दिल्ली में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए है।

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