Kavach System: रेलवे ने मथुरा, पलवल के बीच इस तेज रफ्तार से 'कवच' प्रणाली का किया टेस्ट
Kavach System Test: इससे पहले, दक्षिण मध्य रेलवे में तीन खंडों में प्रणाली शुरू करने से पहले विभिन्न स्थानों पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ऐसे परीक्षण किए गए थे।
'कवच' प्रणाली का किया टेस्ट
Kavach System Test in Train: जब कोई ट्रेन 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हो तो क्या टक्कर रोधी प्रणाली ‘कवच’ कुशलता एवं प्रभावी तरीके से काम करेगी। भारतीय रेलवे ने इसका जवाब तलाशने के लिए 30 दिसंबर को मथुरा और पलवल के बीच पहली बार कवच लगे इंजन को 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाकर परीक्षण किया।
आगरा मंडल की जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा, 'नतीजा (नये परीक्षण का) बेहद उत्साहजनक रहा है। हम अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन एवं अन्य हितधारकों के साथ रिपोर्ट का विस्तार से विश्लेषण करेंगे ताकि यह देखा जा सके कि किन क्षेत्रों में सुधार किये जाने की जरूरत है।'
'कवच' प्रणाली के तहत किसी भी आपातकालीन स्थिति में चालक के विफल होने पर स्वचालित रूप से ब्रेक लग सकते है।रेलवे सूत्रों के अनुसार प्रणाली की दक्षता जांचने के लिए और अधिक परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है।अधिकारी ने कहा, 'इसके अलावा, यदि प्रणाली के सभी मापदंड 140 किमी प्रति घंटे पर ठीक काम कर रहे हैं, तो हम 160 किमी प्रति घंटे तक की उच्च गति पर परीक्षण करेंगे।'
श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने मथुरा (स्टेशन को छोड़कर) और पलवल के बीच 80 किलोमीटर की दूरी पर एक संपूर्ण कवच नेटवर्क विकसित किया है। इसमें स्टेशन क्षेत्रों और अन्य स्थानों पर रेलवे पटरियों पर आरएफआईडी टैग लगाना शामिल है।’’रेलवे के अनुसार, कवच प्रणाली दक्षिण मध्य रेलवे क्षेत्र में 1,465 किमी मार्ग और 139 लोकोमोटिव पर तीन खंडों में पहले से ही काम कर रही है। गति प्रतिबंध के कारण हालांकि उस मार्ग पर परीक्षण नहीं किया जा सकता है।
एक रेलवे अधिकारी ने कहा, 'इस दिल्ली-आगरा खंड को छोड़कर, भारत के सभी रेल नेटवर्क पर रेलगाड़ियां अधिकतम 130 किमी प्रति घंटे की गति से चलती हैं।' कवच चलती रेलगाड़ियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है। इसे तीन भारतीय कंपनियों के सहयोग से आरडीएसओ द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
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