बारिश का टूटा कहर: चमोली से लेकर रायगढ़ तक हाहाकार, जानें देश में कहां-कहां मची तबाही
खास तौर पर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में बारिश का कहर जारी है। इससे इन प्रदेशों में कई लोगों की मौत हुई है। आइए जानते हैं कहां कितना नुकसान हुआ है।
देश में बारिश का कहर
Rain and Weather Updates: लगातार हो रही बारिश से उत्तर भारत से लेकर दक्षिण तक अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश से कहीं बाढ़ आई है, तो कहीं करंट लगने से लोगों की दर्दनाक मौत रही है। देश के कई हिस्सों में बादल फटने की भी घटना हो रही है। कई राज्यों में स्कूल भी बंद करने पड़े हैं। खास तौर पर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में बारिश का कहर जारी है। इससे इन प्रदेशों में कई लोगों की मौत हुई है। आइए जानते हैं कहां कितना नुकसान हुआ है।
चमोली में 16 की मौत
बुधवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में बिजली की करंट लगने से 16 लोग की मौत हो गई है। मंगलवार रात नमामि गंगे परियोजना में कार्यरत एक कर्मचारी की करंट लगने से मौत हुई थी। बुधवार को 11:30 बजे करीब बिजली की लाइन पर कार्य करते वक्त बिजली संपूर्ण परिसर में फैल गई इसकी वजह से कई लोग करंट की चपेट में आ गए और 15 अन्य लोगों की मौत हो गई। हादसे में एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर और 3 होम गार्ड भी हादसे का शिकार हुए हैं। पुलिसकर्मी मृतक कर्मी का पंचनामा भरने गए थे।
चमोली में हुए करंट हादसे के एक दिन बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज घटनास्थल पर पहुंचकर इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से मुलाकात की और घायलों का हालचाल जाना । धामी ने दुर्घटना में मारे गए पुलिसकर्मियों के शवों पर भी पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा, यह बहुत ह्रदयविदारक घटना है और हम भगवान से दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करते हैं। परिजन को ढांढ़स बंधाते हुए भावुक नजर आ रहे मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि दुख की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना से प्रभावित हुए लोगों की मदद के लिए मुआवजा सहित सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गयी हैं। उन्होंने कहा कि घायलों का समुचित उपचार कराया जा रहा है।
रायगढ़ में हादसा, 5 की मौत
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में कल देर रात हुए भूस्खलन के बाद बड़ा हादसा हुआ है। भूस्खलन से यहां 40-50 परिवार मलबे के बीच फंस गए हैं। भूस्खलन की घटना खालापुर के पास हुई, जहां आदिवासी बस्ती के कई घर हैं। पुलिस ने बताया कि हादसे में पांच लोगों की मौत हुई है। कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और खोज एवं बचाव अभियान शुरू कर दिया है। ऑपरेशन में शामिल होने के लिए दो और टीमें मुंबई से पहुंची हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि 75 लोगों को बचा लिया गया है, लेकिन कई लोगों के अब भी फंसे होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के चार दल बचाव कार्य में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि इरशालवाड़ी गांव में करीब 50 मकान हैं, जिनमें से 17 मकान बारिश के बाद आए भूस्खलन के कारण दब गए हैं। एनडीआरएफ कर्मियों ने भूस्खलन स्थल से एक शव बरामद किया, जबकि बचाव दलों ने चार शव पहले ही बरामद कर लिए थे। यह गांव मोरबे बांध से छह किलोमीटर दूर है। यह बांध नवी मुंबई को पानी की आपूर्ति करता है।
हिमाचल प्रदेश के चंबा में भारी बारिश से घरों-दुकानों को पहुंचा नुकसान
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के सलूणी उपमंडल के हिस्सों में बुधवार को भारी बारिश से आवासों, दुकानों और गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि इस दौरान किसी की मृत्यु की कोई सूचना नहीं है। चंबा के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि सलूणी गांव में बारिश से आठ पक्के मकान, 11 कच्चे मकान, चार दुकानें और 16 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि तिलका और देवारी गांवों में परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। बारिश से जिले में भूस्खलन की घटनाएं भी हुई हैं और मरम्मत का कार्य चल रहा है।
स्थानीय मौसम विभाग केंद्र के अनुसार, चंबा में बुधवार शाम को बीते 24 घंटों में पांच बजकर 30 मिनट तक 58 मिलीमीटर बारिश हुई।
राज्य आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश को 24 जून को आए मानसून से 4,809 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और इस दौरान बारिश से जुड़े हादसों एवं सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 130 लोगों की जान चली गई। आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 735 सड़कें बंद है। शिमला मौसम विभाग केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में बुधवार को कुछ हिस्सों में हल्की से भारी बारिश हुई। वहीं धर्मशाला में सबसे अधिक 126 मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग ने राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश को लेकर 'येलो' अलर्ट जारी किया है और 25 जुलाई तक बारिश होने की आशंका जताई है।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में भारी बारिश के कारण कई मकान क्षतिग्रस्त, आठ की मौत
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बुधवार को भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन और कई मकानों के क्षतिग्रस्त हो जाने से पांच बच्चों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई। कठुआ के उपायुक्त राकेश मिन्हास ने मृतकों के परिजनों को तत्काल 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने का आदेश दिया है। मिन्हास ने बताया कि बारिश संबंधित घटनाओं में आठ लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, प्रशासन जिले में उतपन्न हुई बाढ़ जैसी स्थितियों पर नजर बनाए हुआ है। उन्होंने लोगों की मौत पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मृतकों के परिजनों के लिए 50,000 रुपये और घायलों के लिए 25,000 रुपये की तत्काल राहत मंजूर की गई है। उन्होंने कहा कि लगातार बारिश के बावजूद पुलिस, सेना, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और स्थानीय लोगों ने साथ मिलकर घंटों मशक्कत के बाद सुरजन गांव में उनके घरों के मलबे से दो परिवारों के पांच सदस्यों के शवों को निकाला।
एक पुलिस अधिकारी ने मृतकों की पहचान जरीना बेगम (40) उनके दो बेटों शाहबाज अहमद (14) तथा अरबाज(2), नजीर तबस्सुम (10) और उनके भाई मोहम्मद आसिफ(12) के रूप में की है। अधिकारी ने बताया कि सिट्टी गांव में अजय सिंह (13) अपने घर के पास हुए भूस्खलन की चपेट में आ गया। वहीं, द्रांगल-मंडोट में अपने घर के पास हुए भूस्खलन की चपेट में आने के बाद जान गंवाने वाली नसीमा बेगम (55) का शव बरामद कर लिया गया। उन्होंने बताया कि डग्गर के पास भुलड़ी नाला में भूस्खलन के मलबे की चपेट में आने से शाम लाल (50) नामक व्यक्ति की मौत हो गई। वह अपने घर को नुकसान से बचाने के लिए पानी का रास्ता साफ करने की कोशिश कर रहा था। शाम लाल का शव निकालकर उसके परिवार को सौंप दिया गया है।
दिल्ली में बारिश के बीच यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार
राजधानी दिल्ली और ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले दो दिन में हुई बारिश के बीच दिल्ली में यमुना का जलस्तर बुधवार सुबह एक बार फिर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया। यमुना का जलस्तर करीब 12 घंटे पहले ही खतरे के निशान से नीचे गया था। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार, शाम छह बजे यमुना का जलस्तर 205.80 मीटर तक पहुंच गया, जिसके बृहस्पतिवार तड़के चार बजे तक घटकर 205.45 मीटर होने का अनुमान है। हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की प्रवाह दर में मंगलवार अपराह्न मामूली वृद्धि देखी गई, जो 50,000 से 60,000 क्यूसेक के बीच थी।
प्रवाह दर बुधवार सुबह सात बजे तक घटकर 39,000 के आस-पास रही। एक क्यूसेक का मतलब 28.32 लीटर प्रति सेकेंड पानी होता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 22 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। यमुना नदी का जलस्तर मंगलवार रात आठ बजे खतरे के निशान 205.33 से नीचे हो गया था, जो जोरदार बारिश के बाद बीते आठ दिन से खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। जलस्तर के फिर से बढ़ने से पहले बुधवार तड़के पांच बजे यमुना में जलस्तर 205.22 मीटर था।
जलस्तर बढ़ने की वजह से राजधानी के जलमग्न निचले इलाकों में रह रहे प्रभावित लोगों के पुनर्वास कार्यों की गति धीमी हो सकती है और उन्हें ज्यादा वक्त तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है।
असम में बाढ़ से 63,000 से अधिक लोग प्रभावित
असम में बुधवार को बाढ़ की स्थिति में सुधार आया है तथा प्रभावित लोगों की संख्या घटकर 63,000 के आसपास रह गयी। एक सरकारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के अनुसार एक और व्यक्ति की डूबकर मौत हो जाने के साथ ही इस साल बाढ़ में अब तक नौ लोगों की जान चली गई है। राज्य के 14 जिलों में कुल 63,606 लोग बाढ़ से बेहाल हैं जिनमें 30,354 पुरूष, 24,868 महिलाएं और 8,384 बच्चे हैं। एक दिन पहले ही ऐसे लोगों की संख्या 88,911 थी। धुबरी, तेजपुर और नेमाटीघाट में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि उसकी सहायक नदियों में कई स्थानों पर जलस्तर घट रहा है। बारपेटा, चिरांग, दरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, कामरूप, कामरूप मेट्रो, लखीमपुर, मजुली, नगांव, नलबारी और शिवसागर बाढ़ प्रभावित जिले हैं। गोलाघाट सबसे अधिक प्रभावित जिला है जहां 27,526 लोग बाढ से बेहाल हैं। शिवसागर में 15,137 तथा नलबारी में 14,892 लोग बाढ़ के कारण मुश्किल में हैं। चिरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, कामरूप, लखीमपुर और शिवसागर जिलों में कुल 51 राहत केंद्र स्थापित किये गए हैं। एएसडीएमए के अनुसार राज्य में कुल 272 गांव जलमग्न हैं जबकि 2,863.76 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल बर्बाद हो गई है।
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में भारी बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के कई हिस्सों में बुधवार को मूसलाधार वर्षा हुई जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आ गयी तथा कई गांवों का संपर्क कट गया। कई स्थानों पर प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। अधिकारियों ने बताया कि जूनागढ़ के मंगरोल तालुका में वर्षा के कारण कई गांवों में पानी घरों में घुस गया तथा बाढ़ में सड़कों के डूब जाने के कारण कई क्षेत्रों का संपर्क कट गया। जगह जगह पानी भर जाने के कारण जिले में जनजीवन थम गया है। लराज्य आपात अभियान केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि बुधवार को भारी बारिश की मार सबसे अधिक जूनागढ़ जिले पर पड़ी। जिले के मंगरोल तालुका में सुबह छह बजे से पिछले आठ घंटे में 290 मिलीमीटर वर्षा हुई है जबकि मलिया हटीना तालुका में 191 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी।
एसईओसी के अनुसार, इस दौरान जूनागढ़ के केशोड और मानवदार में क्रमश: 111 और 110 मिलीमीटर वर्षा हुई। केंद्र का कहना है कि पानी छोड़े जाने के कारण बांधों तथा ओजस जैसी मानसूनी नदियों का पानी बाहर आने से स्थिति बिगड़ गयी है, गांवों में पानी घरों में घुस गया तथा खेत झील में तब्दील हो गए। अचानक बाढ़ आने के कारण लोगों ने अपने घरों की छतों पर शरण ले रखी है। जिले के जूनागढ़ शहर तथा केशोड में सामान्य जनजीवन पटरी से उतर गया है । निचले क्षेत्रों में कई सड़कें एवं वाहन पानी में डूबे हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल और स्थानीय पुलिस के दलों ने जिले के प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को बाहर निकाला और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
तेलंगाना सरकार ने दो दिन स्कूल बंद करने की घोषणा की
तेलंगाना में लगातार तीन दिन से हो रही भारी बारिश के चलते राज्य सरकार ने गुरुवार और शुक्रवार को स्कूल बंद करने की घोषणा की है। शिक्षा मंत्री सबिता इंद्रा रेड्डी ने दो दिनों के लिए स्कूलों को बंद करने के संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी। मंत्री ने ट्वीट में लिखा, राज्य में हो रही भारी बारिश के मद्देनजर और मुख्यमंत्री केसीआर गारू के निर्देशों के तहत राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में गुरुवार और शुक्रवार को दो दिनों के लिए छुट्टियां घोषित करने का फैसला लिया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की वेबसाइट के अनुसार, तेलंगाना के आदिलाबाद, कोमाराम भीम आसिफाबाद, जगित्याल, राजन्ना सिरसिल्ला, करीमनगर, पेद्दापल्ली और जयशंकर भूपालपल्ली जिले के अलग-अलग स्थानों पर आज भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। भद्राचलम में गोदावरी नदी के तेजी से बढ़ते जल स्तर के मद्देनजर जिला कलेक्टर प्रियंका आला ने सरकारी अमले को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि गोदावरी गुरुवार सुबह नौ बजे 40 फुट पर बह रही है, जबकि आठ लाख क्यूसेक से अधिक पानी नीचे की ओर छोड़ा गया है। (Bhasha Input)
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