छत्तीसगढ़: रमन सिंह के पूर्व सचिव को बड़ी राहत, अदालत ने आय से अधिक संपत्ति का मामला किया बंद

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने फरवरी 2020 में एक आरटीआई कार्यकर्ता के दावे के आधार पर इस संबंध में प्राथमिकी संख्या 09/2020 दर्ज की थी।

Raman singh and Aman singh

अमन सिंह को मिली राहत

Court Closes Case Against Aman Singh: छत्तीसगढ़ की एक अदालत ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बंद कर दिया है। रायपुर की अदालत ने ईओडब्ल्यू-एसीबी की अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जिसके मुताबिक अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला नहीं बनता है। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) - भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की अंतिम रिपोर्ट में कहा था कि अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बनाया जा सकता है।

कांग्रेस सरकार में मामला दर्ज

राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने फरवरी 2020 में एक आरटीआई कार्यकर्ता के दावे के आधार पर इस संबंध में प्राथमिकी संख्या 09/2020 दर्ज की थी। अदालत के आदेश के अनुसार, राज्य EOW-ACB ने तीन साल तक जांच की और अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों को साबित करने में विफल रहा। मौजूदा भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले पिछले साल दिसंबर में राज्य ईओडब्ल्यू ने अंतिम रिपोर्ट दायर की थी। निचली अदालत ने अब अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए प्राथमिकी रद्द कर दी है।

कौन हैं अमन सिंह?

भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी अमन सिंह, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में एक रसूखदार नौकरशाह और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव थे। उन्होंने नवंबर 2022 में सेवा से इस्तीफा दे दिया और अडाणी समूह में शामिल हो गए।

मामला क्या था?

फरवरी 2020 में, छत्तीसगढ़ की ईओडब्ल्यू ने कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले में अमन सिंह और उनकी पत्नी यासमीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। बिलासपुर हाई कोर्ट ने दो साल पहले उक्त प्राथमिकी को रद्द कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में इस आदेश पर रोक लगा दी। अदालत ने कहा कि जांच के स्तर पर प्राथमिकी को रद्द न किया जाए।

महेश जेठमलानी ने कहा, गलत तरीके से फंसाया गया

अमन सिंह परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार ने उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाने के लिए प्राथमिकी का इस्तेमाल किया। हालांकि, अदालत द्वारा उन्हें बरी किए जाने से आखिरकार न्याय मिल गया। वहीं, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुनील कुमार ने कहा कि राजनीतिक विचारों के लिए ईमानदार अधिकारियों को निशाना बनाना हतोत्साहित करने वाला है।

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