Rajasthan Election: भाजपा को मोदी मैजिक पर भरोसा, लेकिन सियासी गणित में वसुंधरा भारी

Rajasthan Assembly Election 2023: अटकलें हैं कि राजस्थान चुनाव में अब तक अपनी भूमिका स्पष्ट न किए जाने से वसुंधरा राजे नाराज चल रही हैं। वह पार्टी के राज्य स्तरीय कार्यक्रमों और अभियानों से दूरी बनाती ही नजर आती हैं। ऐसे में पार्टी के आला नेता उन्हें लगातार मनाने का भी प्रयास कर रहे हैं।

वसुंधरा राजे-पीएम मोदी

Rajasthan Assembly Election 2023: कर्नाटक के नतीजों से डरी हुई भाजपा राजस्थान में कोई भी रिस्क लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में पार्टी मोदी मैजिक के साथ-साथ इन चुनावों पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रभुत्व का भी पूरा इस्तेमाल करना चाहती है। यही वजह है कि पार्टी आलाकमान जब भी दिल्ली या राजस्थान में कोई बैठक करता है तो उसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को पूरी तवज्जो दी जाती है। यहां तक कि पार्टी के आला नेता राज्य में जाकर कोई रैली, सभा या सार्वजनिक कार्यक्रम भी करते हैं तो मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री मौजूद रहती हैं।

लेकिन, भाजपा ने इस विधानसभा चुनाव में अब तक वसुंधरा राजे की भूमिका स्पष्ट नहीं की है। ऐसे में अटकलें हैं कि वसुंधरा इससे नाराज चल रही हैं और पार्टी के राज्य स्तरीय कार्यक्रमों और अभियानों से दूरी बनाती ही नजर आती हैं। इसलिए वसुंधरा के रुख को लेकर सशंकित पार्टी के आला नेता उन्हें लगातार मनाने का भी प्रयास कर रहे हैं।

भाजपा को मोदी के मैजिक पर ही भरोसा

राजस्थान को लेकर भाजपा आलाकमान वसुंधरा राजे द्वारा लगातार अपनी भूमिका स्पष्ट करने की मांग के बावजूद पहले ही यह फैसला कर चुका है कि पार्टी राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के साथ सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। इसलिए पार्टी ने मध्य प्रदेश की तर्ज पर अपने दिग्गज नेताओं ( केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ) को विधान सभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक पार्टी केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान लोक सभा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दिया कुमारी और राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा सहित लगभग आधे दर्जन सांसदों को उम्मीदवार बना कर राजस्थान विधान सभा चुनाव के मैदान में उतार सकती है।

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