मोदी की गारंटी और संगठन के माइक्रो मैनेजमैंट से राजस्थान में खिला कमल, जानें बूथ तक कैसे पहुंची बीजेपी
Rajasthan assembly election 2023: राजस्थान में भाजपा की जीत पीएम मोदी की गारंटी की जीत है लेकिन उनकी इन गारंटियों को धरातल पर बूथ तक पहुंचाने का काम किया प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने। उन्होंने प्रदेश भाजपा की पूरी टीम, प्रवासी पदाधिकारियों, अनुभवी भाजपा के स्तंभों को एक सूत्र में पिरोकर चुनाव प्रबंधन में लगाया।
Rajasthan Assembly Election Result Analysis
Rajasthan assembly election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और राज्य में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिल गया है। भाजपा ने 199 में से 115 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं कांग्रेस 69 पर सिमट गई। इसमें कोई शक नहीं कि भाजपा की यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई चेहरे, अमित शाह की अचूक रणनीति, जेपी नड्डा के संगठनात्मक कौशल और पार्टी कैडर की कड़ी मेहनत का नतीजा है। भाजपा ने राजस्थान में पहली बार बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के विधानसभा चुनाव लड़ा। यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर था।
जब भी पूछा जाता कि राजस्थान में बीजेपी का सीएम कैंडिडेट कौन होगा तो भाजपा नेता कहते कमल का फूल। इस रणनीति में भाजपा सफल हुई और अब यह जानना जरूरी कि बीजेपी ने मरुधरा का किला कैसे फतह किया। राजस्थान में यह जीत पीएम मोदी की गारंटी की जीत है लेकिन उनकी इन गारंटियों को धरातल पर बूथ तक पहुंचाने का माइक्रो मैनेजमेंट प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने किया। उन्होंने प्रदेश भाजपा की पूरी टीम, प्रवासी पदाधिकारियों, अनुभवी भाजपा के स्तंभों को एक सूत्र में पिरोकर चुनाव प्रबंधन में लगाया।
राजस्थान में एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस की सरकार आने की परंपरा चली आ रही है लेकिन इस बार प्रदेश का मिजाज चुनाव से पहले ही कुछ और नजर आ रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र की सरकार की 9 साल की नीतियों के बलबूते भाजपा राजस्थान में कांग्रेस से मजबूत नजर आई। प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने पार्टी के चाणक्य की भूमिका निभाई और बिना चेहरे के चुनाव लड़ने को रिस्क को लेते हुए विजयी अभियान को सफल बनाया।
2017 में प्रदेश महामंत्री संगठन की कमान संभालने के बाद जब कांग्रेस सत्ता में आई तो चंद्रशेखर अलग ही रणनीति के तहत पार्टी की नींव को नए सिरे से मजबूत करने में जुट गए। चंद्रशेखर ने कार्यकर्ताओं की क्षमता और योग्यता को समझकर उनको सही दिशा में कार्य करने के लिए लगाया। आरएसएस के प्रचारक चंद्रशेखर कार्यकर्ताओं की उपयोगिता समझने में माहिर हैं।
हर बूथ तक पहुंची भाजपा
सबसे पहले चंद्रशेखर ने पार्टी की रचना के अनुसार हर विधानसभा में विस्तारक भेजे। साथ ही बूथ, पेज व पन्ना फोटो युक्त कमेटी का पूरे प्रदेश में गठन किया। इन कमेटी की मदद से एक-एक विधानसभा में संगठन को नए सिरे से खड़ा किया। इसी नीति से केंद्र और प्रदेश भाजपा ने लगातार पांच वर्ष बूथ स्तर तक पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखा और आने वाले चुनाव के लिए तैयार किया। पार्टी ने ज़िला मण्डल और बूथ स्तर तक के कैडर के फीडबैक के अनुसार रिपोर्ट तैयार की। इसी के आधार पर विधानसभाओं में टिकट वितरण किए गए। हालांकि संगठन महामंत्री से जुड़े लोग बताते हैं कि यूपी में उनके द्वारा किया गया काम का ही परिणाम है कि वह हर समय चुनावी मोड में रहते हैं। पीएम के संसदीय क्षेत्र बनारस व पश्चिम यूपी में कमल खिलाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह भी उनके मुरीद हैं।
माइक्रो मैनेजमेंट में शामिल अहम कारक
- नमो वॉलेंटियर
- सामाजिक प्रवास
- बूथ प्रबंधन
- शक्ति केंद्र
- पन्ना प्रमुख
- एससी/एसटी संपर्क और प्रवास
- विस्तारक योजना
इन अभियानों से मिली जीत
चंद्रशेखर की रणनीति के तहत संगठन ने बूथ लेवल पर सोशल मीडिया के माध्यम से विधानसभाओं में अपने पैर फैलाए। वहीं नमो वॉलिंटियर अभियान, आकांक्षा पेटी अभियान, सामाजिक संपर्क अभियान के तहत ओबीसी, एसटी व एससी वर्ग में घुसपैठ की। गांव-गांव, ढाणी-ढाणी, बूथ व घरों तक वर्कर्स पहुंचकर अंदरखाने ही पार्टी की नीतियां व केंद्र की योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के अभियान में लगे। उन्होंने किसान कर्जमाफी, पेपरलीक, भ्रष्टाचार, महिला और बालिकाओं के संबंधित अपराधों के मुद्दे को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ 'नहीं सहेगा राजस्थान' अभियान चलाया। इस अभियान ने सोशल मीडिया और धरातल पर अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक माहौल तैयार दिया। इसी के साथ राजस्थान के सभी प्रमुख नेताओं और क्षत्रपों को एक साथ एक माला में पिरो संगठन सर्वोपरि की नीति से चन्द्रशेखर सबको साथ लेकर अपने माइक्रो मैनेजमेंट से राजस्थान में कमल खिलाने में सफल हो गया।
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कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बुलंदशहर जिले के छोटे से कस्बे खुर्जा का रहने वाला ह...और देखें
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